जैसे आम लोग अपने काम के लिए बैंकों से लोन लेते है, उसी तरह बैंक अपने काम के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। इस लोन बैंक जिस रेट से ब्याज चुकाते हैं उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है, क्योंकि अगर रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को महंगा लोन मिलेगा और वो अपने ग्राहकों को ज्यादा रेट पर लोन देंगे। वहीं अगर रेपो रेट कम होगो तो कों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा और वो भी ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। Read More
रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट को 0.5 फीसदी से बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अब रेपो रेट बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई है। पिछले चार महीनों में रेपो रेट तीन बार बढ़ चुका है। इसका असर बैंको से लिए गए लोन की इएमआई पर पड़ेगा। ...
आपको बता दें कि बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों पर देश के उन तमाम छोटे निवेशकों का दूरगामी आर्थिक प्रबंधन निर्भर होता है जो अपनी छोटी बचतों के जरिये जिंदगी के कई महत्वपूर्ण कामों को निपटाने की व्यवस्था सोचे हुए हैं। ...
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया। मौद्रिक नीति समिति की एक ऑफ-साइकिल बैठक में दरों में 40 आधार अंकों की वृद्धि के बाद वर्तमान रेपो दर 4.40 प्रतिशत है। ...
आर्थिक विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इस बार की समीक्षा में रेपो दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी कर सकते हैं। ...
एचडीएफसी लिमिटेड कंपनी अपनी मानक उधारी दर में 0.30 फीसदी की बढ़ोतरी करने जा रही है। जिससे आवासीय ऋण लेने वाले मौजूदा एवं नए दोनों ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा। ...
RBI Interest Rate Hike: एमपीसी की बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया। दूसरी तरफ उदार रुख को भी कायम रखा गया है। ...
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और वैश्विक स्तर पर जिंसों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। ...