रफाल अनेक भूमिकाएं निभाने वाला एवं दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। रफाल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है। भारत सरकार ने अपनी वायुसेना के लिए इसे खरीदा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं और मीडिया ने रफाल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था । Read More
इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस भारत को चार लड़ाकू विमान राफेल सौंपने वाला है। हालांकि, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से डिलीवरी की तारीख आगे बढ़ी है, वरना राफेल की डिलीवरी मई के अंत में होनी थी। ...
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने स्वदेश निर्मित शस्त्रों के विकास की जरूरत पर जोर देते हुए भदौरिया ने कहा कि यदि अगले हवाई संघर्ष में वायु सेना द्वारा इस्तेमाल हथियार और मिसाइल स्वदेश निर्मित होते हैं तो पूरा परिदृश्य बदल जाएगा। ...
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर डसॉल्ट कंपनियों के बीच साझेदारी को लेकर रूपरेखा तैयार नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों ने इस बात कि पुष्टि की है कि अतिरिक्त ऑर्डर के लिए एचएएलके प्लांट्स और विशेषज्ञता का कैसे ...
गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में वायुसेना की झांकी भी होगी जिसमें... राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें आकाश तथा अस्त्र को प्रदर्शित किया जाएगा। ...
‘‘मैंने हमेशा ही व्यक्तिगत रूप से यह कहा है...जब राफेल जैसा मुद्दा उछाला जाएगा, यदि आप रक्षा खरीद प्रणाली को राजनीतिक रंग देंगे तब पूरी प्रणाली पीछे छूट जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्य सभी फाइलें भी धीमी गति से आगे बढ़ेंगी क्योंकि लोग बहुत सचेत होना शु ...
न्यायालय ने खुद को विवादों में उस वक्त पाया जब भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। बहरहाल, बाद में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई। भारत के प्रधान न्यायाधीशों को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं, लेकिन न्यायमूर्ति ...
भारतीय वायुसेना के लिये फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान ‘विजयादशमी’ को सौंपा गया। सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले नये विमान का शस्त्र पूजन किया था। ...
सर्वोच्च न्यायालय ने इस सौदे में संदेह करने का कोई कारण नहीं पाया तो इसका मतलब यही है कि इस सौदे को संदिग्ध बताते हुए सरकार को बदनाम करने का सुनियोजित अभियान चल रहा था. सर्वोच्च अदालत ने लोकतंत्र की मर्यादा को न केवल सुरक्षित रखा बल्किभविष्य में ऐसी ...