एक कैलेंडर वर्ष खत्म होके जब दूसरा कैलेंडर वर्ष शुरू होता है तो उसे नया साल कहते हैं। दुनिया की हर सभ्यता में दिन-रात, महीने और साल की गणना के लिए किसी ने किसी कैलेंडर का अनुसरण किया जाता रहा है। आम तौर पर कैलेंडर की निर्धारण पृथ्वी की सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा के समय या सूर्य या चंद्र की गति के अनुसार किया जाता है। भारत समेत पूरी दुनिया में इस समय सबसे अधिक देश ग्रेगैरियन कैलेंडर का पालन करते हैं। इस कैलेंडर में हर वर्ष एक जनवरी को नया साल शुरू होता है। ग्रेगैरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगरी अष्टम ने अक्टूबर 1582 में प्रस्तुत किया था। इस कैलेंडर की खासियत थी कि इसमें लीप ईयर (29 दिन की फ़रवरी) की परिकल्पना प्रस्तुत की गयी थी। भारत सरकार भी ग्रेगैरियन कैलेंडर का अनुसरण करती है। भारत में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम संवत और शक संवत रहे हैं। हालाँकि इनका प्रचलन अब केवल धार्मिक मामलों में होता है। Read More
हिन्दू धर्म में ग्रहों की चाल और राशियों के परिवर्तन को बेहद महत्व दिया जाता है। किसी भी शुभ काम करने से पहले इन सभी चीजों का खासा ध्यान रखा जाता है। माना जाता है कि ग्रहों के स्थान परिवर्तन करने से अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। वहीं नए ...
Jio Happy New Year offer: जियो यूजर्स के लिए कंपनी ने '2020 हैपी न्यू ईयर ऑफर' लेकर आई है। Jio के खास 2020 हैपी न्यू ईयर ऑफर के तहत यूजर्स को 2020 रुपये में एक साल तक अनलिमिटेड सर्विसेज मिलेंगी। ...