एक कैलेंडर वर्ष खत्म होके जब दूसरा कैलेंडर वर्ष शुरू होता है तो उसे नया साल कहते हैं। दुनिया की हर सभ्यता में दिन-रात, महीने और साल की गणना के लिए किसी ने किसी कैलेंडर का अनुसरण किया जाता रहा है। आम तौर पर कैलेंडर की निर्धारण पृथ्वी की सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा के समय या सूर्य या चंद्र की गति के अनुसार किया जाता है। भारत समेत पूरी दुनिया में इस समय सबसे अधिक देश ग्रेगैरियन कैलेंडर का पालन करते हैं। इस कैलेंडर में हर वर्ष एक जनवरी को नया साल शुरू होता है। ग्रेगैरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगरी अष्टम ने अक्टूबर 1582 में प्रस्तुत किया था। इस कैलेंडर की खासियत थी कि इसमें लीप ईयर (29 दिन की फ़रवरी) की परिकल्पना प्रस्तुत की गयी थी। भारत सरकार भी ग्रेगैरियन कैलेंडर का अनुसरण करती है। भारत में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम संवत और शक संवत रहे हैं। हालाँकि इनका प्रचलन अब केवल धार्मिक मामलों में होता है। Read More
2021 Public Holidays list: नए साल 2021 में कब किस दिन कौन सी छुट्टी पड़ेगी। इसे लेकर एक लिस्ट हम यहां दे रहे हैं। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव भी संभव हैं। ...
फ्रांस के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की चर्चा आज भी हर मौके पर होती है। ऐसे दावे किए जाते रहे हैं कि उनकी कई भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं। ऐसे में जानिए कि आने वाले साल 2021 के लिए उन्होंने क्या कहा है। ...
शक संवत को भले ही भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर माना गया हो लेकिन भारतीय पंचांग का आधार विक्रम संवत है जिसका संबंध राजा विक्रमादित्य के शासन काल से है. दोनों भारतीय कैलेंडर हैं जो समय गणना की हिंदू पंचांग प्राचीन पद्धति है. शक संवत का प्रारंभ कुषाण वंश क ...
पीड़ितों का आरोप है कि आरोपियों ने यौन शोषण का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला है। पुलिस ने आरोपियों के फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। ...
बुधवार को इन अनुमानों को जारी करने वाले यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया भर में पैदा होने वाले शिशुओं की संख्या 3,92,078 है, जिस आंकड़े का बड़ा हिस्सा करीब 17 प्रतिशत शिशु सिर्फ भारत में पैदा हुए हैं। ...