हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
मकर संक्रांति से प्रयाग की धरती पर कुंभ मेले का आगाज हो चुका है. प्रयागराज में सुबह से भक्त स्नान के लिए बेसब्र दिखाई दिए. मकर संक्रांति पर ही कुंभ मेले के पहले शाही स्नान में हिस्सा लेने कई साधु-संत पहुंचे. ...
गंगा घाटों पर स्नान करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वहीं प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। ...
नागा और अघोरी दो अलग प्रकार के साधु हैं। इनकी वेशभूषा से लेकर इनके तप करने के तरीके, इनका रहन-सहन, इनकी साधना और इनकी साधु बनने की प्रक्रिया में भी बड़ा अंतर देखा जा सकता है। ...
मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की ये परम्परा प्रभु श्री राम ने शुरू की थी। तुलसी दास जी की राम चरित मानस में भगवान राम का बालरूप का वर्णन किया गया है। ...
#मकरसंक्रांति (Makar Sankranti 2019) से पहले देशभर में गंगा ( #Ganga River) सहित पवित्र नदियों पर सोमवार सुबह श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। इस खास और पावन मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर स्नान किया और भगवान सूर्य की अराधना की। वाराणसी, प्रय ...