हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
makar sankranti 2021: बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड के आभा रतनपुर निवासी राणा सूर्य प्रताप सिंह के खेतों में उपजा कतरनी धान से चूड़ा बनवाया गया है. ...
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के अगले दिन यानी 15 फरवरी से इस बार पंचक भी शुरू हो रहा है। पंचक काल को अशुभ माना गया है और कई कामों को करने की मनाही इस दौरान रहती है। ...
महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन अपना देह त्यागा था। कई दिन बाणों की सैय्या पर गुजारते हुए उन्होंने सूर्य के उत्तरायन होने का इंतजार किया। ...
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित उमेश तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर देवताओं के दिन का उदय होता है और दैत्यों की रात होती है. ...
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति का पर्व इस बार 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन से एक महीने से चला आ रहा खरमास भी खत्म हो जाता है। ...
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के साथ ही एक महीने से चला आ रहा मलमास या खरमास का समय खत्म हो जाता है। इसके बाद से मांगलिक कार्य जैसै शादी-विवाह और दूसरे शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। ...
Maa Vaishno Devi: प्राचीन गुफा के बारे में कहा जाता है कि जब भैरवनाथ मातारानी का पीछा कर रहा था वह इसी गुफा के पास पहुंचा। इसी स्थान पर माता ने भैरवनाथ का वध किया था। ...