लाइव न्यूज़ :

AllNewsPhotosVideos

मकर संक्रांति

Makar-sankranti, Latest Marathi News

Read more

हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है।

राजनीति : बिहार में टूटी 26 साल पुरानी परंपरा, जदयू, राजद, भाजपा और कांग्रेस ने दही-चूड़ा भोज से बनाई दूरी, जानिए कारण

पूजा पाठ : Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर अपनी राशि के अनुसार किन-किन चीजों का करें दान, जानिए

पूजा पाठ : Makar Sankranti Panchang: मकर संक्रांति पर आज राहु काल कब से है, पढ़ें आज का पंचांग

पूजा पाठ : Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर सूर्य देव को जल कैसे चढ़ाएं, जानिए शुभ मुहूर्त, दान और पूजा विधि

भारत : सुई की छेद से सात पतंगें निकाल कर बनाया विश्व रिकॉर्ड, जानिए इनके बारे में

पूजा पाठ : मकर संक्रांति के साथ झारखंड में मनाया जाता है टुसू पर्व, जानें क्या है इसका महत्व, इसके पीछे की कहानी

भारत : मकर संक्रांतिः राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भागलपुर के कतरनी चूड़ा का स्वाद चखेंगे, जानिए खासियत

पूजा पाठ : Makar Sankranti: मकर संक्रांति के अगले दिन से पांच दिन का अशुभ पंचक, नया पलंग खरीदने सहित नहीं करें ये काम

पूजा पाठ : मकर संक्रांति का महाभारत से भी है खास जुड़ाव, युद्ध खत्म होने के बाद भीष्म पितामह ने त्यागा था इस दिन देह

पूजा पाठ : संक्रांति पर एक ही राशि में होंगे पांच ग्रह, दुर्लभ पंचग्रह योग, सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 बजे तक होगा पुण्यकाल, जानिए सबकुछ