2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
अंडरवर्ल्ड की मशहूर लेडी किलर संतोख बेन पर बॉलीवुड में 'गॉड मदर' के नाम से बायोपिक बन चुकी है। माफिया संतोख बेन महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर की पहली महिला विधायक भी रहीं। ...
आजादी के अमृत महोत्सव पर पीएम मोदी ने देश के महापुरूषों को याद किया और उन्हें नमन भी किया है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है।’’ ...
भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौवीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर देश को संबोधित किया। ...
हम वाकई खुशनसीब हैं. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. लोकतंत्र में जी रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में अब भी कम से कम 83 ऐसे देश हैं जहां के नागरिक गुलामों जैसी जिंदगी जी रहे हैं. कहीं सीधे-सीधे कोई तानाशाह सत्ता दबोच कर बैठा है तो ...
200 सालों के संघर्ष और लाखों लोगों के बलिदान के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। इस साल हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। भारत सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के अतर्गत कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसमें हर घर तिरंगा अभियान भी शामिल है। ये अवस ...
75th Independence Day: हैदराबाद से लगभग 75 किलोमीटर दूर तेलंगाना के चित्याल कस्बे के आसपास के लोगों के लिए महात्मा गांधी मंदिर जाना एक भावनात्मक कृत्य बन गया है। ...
भारत की आजादी के लिए लोगों को एकजुट करने में कई जोशीले नारों ने भी बड़ी अहम भूमिका निभाई। जय हिंद, करो या मरो या तुम मुझे खून दो..मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे नारों के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। ...