चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
रिपोर्ट्स की मानें तो आज लगने वाला चंद्र ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर के अलावा एशिया के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. ...
व्यक्ति के जीवन में जब चंद्रमा का असर हो तो विभिन्न परेशानियों से गुजर रहा होता है। ऐसे में डरने के बजाय इस चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए इस चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर जानकारी जानिए। ...
Chandra Grahan 2020: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। ये एक उपछाया चंद्र ग्रहण है। ये एशिया समेत ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ...
30 नवम्बर को लगने वाले आखिरी चंद्र ग्रहण का असर सबसे ज्यादा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में पड़ेगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहण के दौरान वृष राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ...
दीपावली से ठीक 16 दिन बाद यानी 30 नवंबर को इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण अमेरिका समेत विश्व के कई देशों में देखा जाएगा, लेकिन भारत में नहीं। ...