चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण पांच जुलाई को लग रहा है। चंद्र ग्रहण की अवधी लगभग पौने तीन घंटे से कम रहेगी। आइये आपको बताते हैं ग्रहण के बारे में धार्मिक, विज्ञान और ज्योतिषीय मान्यताओं के बारे में... ...
पांच जुलाई को अगला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इससे पहले पांच जून को चंद्र ग्रहण लगा था। आइये आपको बताते हैं आने चंद्र ग्रहण से जुड़ी सभी जरूरी बातें... ...
Surya Grahan ki Wajah: सूर्य ग्रहण क्यों लगता है इसके पीछे शास्त्रों में एक पौराणिक वजह बताई गई है। इस वजह का कारण राहु-केतु ग्रह से जुड़ा है। मान्यता है कि एक घटना के कारण ही यह ग्रहण लगना शुरू हुआ। ...
Mithun Sankranti Date and Time: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह जून का माह कई मायनों में विशेष है। इस जून की शुरुआत में ही चंद्र ग्रहण लगा था, अब 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण होगा, 18 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगने जा ...