हिन्दी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है। भारत की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में हिन्दी शामिल है। भारत की राजभाषा है। भारत में सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।अनुच्छेद 343 के अतंर्गत इसे राजभाषा का दर्जा दिया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार बोलने वालों की संख्या 57.1 प्रतिशत है। हिन्दी शब्द का संबंध संस्कृत शब्द सिंधु से माना जाता है। Read More
10 जनवरी साल 1975 को नागपुर में पहलीबार प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। आगे चलकर साल 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा। ...
एक कर्मचारी ने दूसरे से अंग्रेजी में बात करने का अनुरोध किया क्योंकि वह और अन्य लोग हिंदी नहीं समझते। वह आदमी अंग्रेजी में बातचीत करने लगा लेकिन जल्द ही उसने हिंदी में बात करना शुरू कर दिया। बाकी लोग उत्तेजित हो गए और जल्द ही बहस शुरू हो गई। ...
स्टालिन ने एक्स पर लिखा, "गैर-हिंदी भाषी राज्यों के यात्रियों को हिंदी न जानने के कारण सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा उत्पीड़न का सामना करने और इस गलत धारणा को स्वीकार करने के लिए मजबूर किए जाने की बार-बार होने वाली घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं कि हिंदी ही भार ...
Sahitya Aaj Tak: बहुप्रतीक्षित साहित्यिक उत्सव गहन यात्रा का वादा करता है शब्दों और विचारों की दुनिया, प्रतिष्ठित स्टेडियम को बौद्धिक प्रवचन और कलात्मक अभिव्यक्ति के एक गतिशील केंद्र में बदल रही है। ...
'ज्ञान पर्व' में भाषा-मैत्री संवाद, विभिन्न विषयों पर व्याख्यान, हिन्दी और मलयालम में काव्य-पाठ, विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चाएँ, अनुवाद कार्यशाला, नई पुस्तकों का लोकार्पण और बातचीत समेत अनेक गतिविधियाँ होंगी। ...
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिन्दी समाचार पत्रों में शीर्षक एवं उप शीर्षक में अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरों में प्रायः समाचार पत्रों के माध्यम से ही भाषा का परिचय होता है ...
परिचर्चा में सम्पादक व भाषा विशेषज्ञ राहुल देव, इतिहासकार व सिनेमा विशेषज्ञ रविकान्त, स्त्री विमर्शकार सुजाता, आर.जे. व भाषा विशेषज्ञ सायमा तथा सम्पादक-प्रकाशक शैलेश भारतवासी से निर्धारित विषय पर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार बातचीत करेंगे। ...
भोजपुरी के शेक्सपियर रहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी के माध्यम से जनचेतना पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने जिस गंवई अंदाज में साहित्य, कला और संस्कृति के उत्थान का काम किया है, उसे देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है। ...