सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया कि वे कैफेटेरिया और सार्वजनिक गलियारों में ‘ऑयल और शुगर बोर्ड’ लगाएं, जिनमें समोसे, जलेबी, वड़ा पाव, कचौरी, यहां तक कि पिज्जा और बर्गर में भी छिपी हुई वसा और चीनी की मात्रा के बारे में बताया गया हो. ...
केवल 33 से 67 प्रतिशत तक है. यानी 100 में से औसतन आधे लोगों को ही पूरी सुरक्षा मिल पाती है. दूसरी बात कि इनकी कीमत (लगभग आठ सौ रु. प्रति खुराक) भी काफी अधिक है. ...
मंत्रालय ने मोटापे से मुकाबले के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करने का भी आह्वान किया है। ...
लोग स्वस्थ जीवन जी सकेंगे और उम्र बढ़ने के साथ शरीर में बीमारियां भी कम होंगी. हालांकि परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का काम टेस्ट ट्यूब तक ही सीमित रहेगा और कृत्रिम तौर पर किसी को जन्म देने की कोशिश नहीं की जाएगी. ...
एबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि टीजीए के एक प्रवक्ता के मुताबिक, विटामिन बी6 के दुष्प्रभावों की गंभीरता का अब तक शायद कमतर ही आकलन किया गया था। ...