एक पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी का सिन्दूर से संबंध माता सीता की वजह से है। पुराणों में वर्णित इस कथा को आधार मानते हुए ही हनुमान पूजा के दौरान सिन्दूर चढ़ाने का रिवाज है। ...
हनुमान जी का जन्म वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ से हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी की पूजा कलयुग में सबसे ज्यादा की जाती है। ...
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti): पंडित दिवाकर के अनुसार, अगर आप अपने जीवन में सुख समृद्धि चाहते हैं, तो आपको आज किसी हनुमान मंदिर जाकर हनुमान के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ...
हिन्दू धर्म में हनुमान जी को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार के रूप में पूजनीय माना गया है। प्रति वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष 18 अप्रैल 2019 को चित्रा नक्षत्र से हनुमान जयंती की तिथि का शुभारम्भ हो ...
हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं और अगर इसका मतलब निकाला जाए तो यह एक आम आदमी का जीवन क्रम होता है। माना जाता है कि तुल़सीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना रामचरित मानस के रचना से पहले ही कर दिया था। ऐसा उन्होंने राम जी को पाने के लिए किया था । ...
भारत में शायद यह पहला मंदिर होगा, जहां रामभक्त हनुमान माता अंजनी के साथ विराजमान हैं। यह मंदिर अकोला में मातृभक्त तपे हनुमान के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर करीब 455 वर्ष पुराना है। साथ ही बीते 455 वर्षों से यहां अखंड दीप जल रहा है। इस मंदिर में शुक ...
चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान का जन्म हुआ था। माता अंजनी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था इसलिए उन्हें केसरी नंदन के नाम से भी जाना जाता है। ...