दुर्गा पूजा जिसे दुर्गोत्सव या "दुर्गा का उत्सव" के नाम से भी जाना जाता है। शरदोत्सव दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला एक वार्षिक हिन्दू पर्व है जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें छः दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को मनाये जाने की तिथियाँ पारम्परिक हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है। दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है। Read More
राजस्थान के झुंझुनूं से सांसद रह चुके जगदीप धनखड़ ने सितंबर महीने में पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन ने उन्हें शपथ दिलाई। धनखड़, उच्चतम न्यायालय के प्रख्यात वकील भी रहे हैं ...
सिंदूर खेला को सुहागिन महिलाओं का त्योहार माना जाता है। इस शुभ दिन पर सुहागिन महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहन कर माथे में सिंदूर लगाकर पंडाल पहुंच कर दुर्गा मां को एक विशेष ध्वनी के साथ विदा करती हैं। ...
दक्षिणी कोलकाता में भवानीपुर सम्मिलानी सामुदायिक पूजा के आयोजकों ने पंडाल में 100 से अधिक बंगाली फिल्मों के पोस्टर और तस्वीरें लगायी हैं। कुछ पोस्टर और तस्वीरें तो 1950 के दशक की हैं। ...
बुराई पर अच्छाई की इसी जीत को देश अलग-अलग रंग में मनाता है। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस साल दशहरे पर अपने घर से दूर हैं। ऐसे लोग इस दशहरे पर अपने घरवालों को व्हॉट्सएप और मैसेज बर बधाई दे सकते हैं। ...
एनजीटी के आदेश और लोगों को बदली विसर्जन व्यवस्था की जानकारी देने के लिए शहर के प्रमुख पूजा पंडालों और घाटों की ओर जाने वाले रास्ते में जगह जगह होर्डिंग लगाए गये हैं जिनमें जानकारी दी गई है. बताया जाता है राजधानी पटना शहर में करीब 12 सौ से अधिक पूजा प ...