जिस जगह ये पूरा हादसा हुआ वहां भारी मशीनें पहुंच चुकी हैं। भारी मशीनों को पहाड़ के ऊपर पहुंचाया जा रहा है। योजना पहाड़ के ऊपर से मशीन के जरिए खुदाई करने और टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने की है। ...
NASM-MR, एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है। इसकी रेंज लंबी है और इसे शुरुआत में फिक्स्ड-विंग फाइटर जेट्स और मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के लिए हर मौसम में लॉन्च होने वाली, एंटी-शिप मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है। ...
भारत ने 2028-2029 तक अपनी लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली को सक्रिय रूप से तैनात करने की योजना बनाई है। यह जो 350 किमी तक की दूरी पर आने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमानों, विमानों, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और निर्देशित हथियारों का पता लगा सकती है और उन्हें न ...
तेजस एमके-1ए विमानों का अगली खेप 'अंगद' इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होगी। वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है। ...
एलसीए के नौलेनिक वर्जन के प्रोटोटाइप को भारतीय नौसेना के पायलट कैप्टन अमित कवाडे उड़ाया। इस विमान को भारतीय नौसेना की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है। आने वाले समय में इसे और उन्नत बनाया जाएगा ताकि विमान वाहक युद्धपोत पर भी तैनात क ...
रूस-यूक्रेन जंग के कारण जब स्पेयर पार्ट्स मिलने में देरी होने लगी तब वायुसेना ने रूसी मूल के हेलीकॉप्टरों के कलपुर्जों को देश में ही बनाना शुरू कर दिया। इससे सैकड़ों करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाने और विमानन स्पेयर आयात पर निर्भरता कम करने में म ...
स्वदेशी एलआरएसएएम रक्षा प्रणाली विकसित करने के बाद भारत हवा में ही दुश्मन के ड्रोन और लड़ाकू विमानों को निशाना बना पाएगा। इस तरह की तकनीकी क्षमता दुनिया के केवल चुनिंदा देशों के पास ही है। ...
भारत में बने ये ड्रोन 30 घंटे तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम होंगे। हाल के दिनों में चीन से लगती सीमा पर उंचाई वाले इलाकों में जिन चुनौतियों का सामना भारतीय सेना और वायुसेना कर रही हैं, वैसे हालात में ये ड्रोन सेनाओं के निगरानी तंत्र को और मजबूत करें ...