देव दीपावली के दिन पूजा के लिए 2 घंटे 40 मिनट का समय है. 29 नवंबर को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट के बीच देव दीपावली की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए. ...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली हर वर्ष काशी में मनाए जाने की परंपरा है. इस वर्ष देव दीपावली 29 नवंबर दिन रविवार को है. हिंदू धर्म में देव दीपावली का बहुत महत्व है. देव दीपावली का ...
इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। साथ ही इस दिन दीपों का दान किया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार इंसान दिवाली पर दीये जलाता है उसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता भी दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं। ...
कार्तिक महीने में आनेवाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. इस साल 12 नवंबर को कार्तिक मॉस की पूर्णिमा है. इसी तिथि पर गुरुनानक देव की जयंती भी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली भी कहते हैं. पौराणि ...
देव दीपावली के दिन पवित्र नदी के घाट पर दीपों की जगमगाहट देखते ही बनती है। देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन एक बार फिर से पूरी नगरी दीयों की जगमगाहट से रोशन हो जाती है। ...
देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन एक बार फिर से पूरी नगरी दीयों की जगमगाहट से रोशन हो जाता है। इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। ...
देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन एक बार फिर से पूरी नगरी दीयों की जगमगाहट से रोशन हो जाता है। इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। ...
देव दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. मान्यता है की जिस प्रकार तरह मनुष्य दीए जलाकर दिवाली का पर्व मनाते हैं. ठीक उसी प्रकार देवतागण भी दीप जलाकर दीपावली का पर्व मनाते हैं. देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद ...