2 साल बाद डब्ल्यूटीए सर्किट पर जीत के साथ लौटी सानिया मिर्जा, होबार्ट इंटरनेशनल के क्वार्टर फाइनल में
By भाषा | Published: January 14, 2020 12:40 PM2020-01-14T12:40:14+5:302020-01-14T12:40:14+5:30
सानिया और उक्रेन की नाडिया किचेनोक ने जार्जिया की ओकसाना के और जापान की मियू कातो को एक घंटे 41 मिनट तक चले मुकाबले में 2-6, 7-6, 10-3 से हराया।
भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने डब्ल्यूटीए सर्किट पर जीत के साथ वापसी करते हुए होबार्ट इंटरनेशनल टूर्नामेंट में उक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ महिला युगल क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। दो साल बाद कोर्ट पर लौटी सानिया और उक्रेन की नाडिया किचेनोक ने जार्जिया की ओकसाना के और जापान की मियू कातो को एक घंटे 41 मिनट तक चले मुकाबले में 2-6, 7-6, 10-3 से हराया। अब उनका सामना अमेरिका की वानिया किंग और क्रिस्टीना मैकहेल से होगा। अमेरिकी जोड़ी ने चौथी वरीयता प्राप्त स्पेन की जार्जिना गार्सिया पेरेज और सारा सौरिबेज तोरमो को 6-2, 7-5 से मात दी।
सानिया ने जीत के बाद ट्वीट किया, ‘‘यह मेरी जिंदगी के सबसे खास दिन में से एक है। इतने समय बाद मेरा पहला मैच देखने के लिये मेरे माता पिता और बेटा मौजूद था और हम पहला दौर जीत गए। इतना प्यार पाकर अभिभूत हूं। खुद पर भरोसा हो तो कुछ भी मुमकिन है। हमने यह कर दिखाया।’’
Today was one of the most special days of my https://t.co/OmE4Vq7KlQ have my parents and my little baby boy wit me in my first match after so long..and we WON our first round.feel very grateful for the love I am receiving.. BELIEF!! Takes you places 🙃YES my baby boy,we did it💪🏽 pic.twitter.com/xxPQ4E2IFE
— Sania Mirza (@MirzaSania) January 14, 2020
सानिया और किचेनोक की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने दो बार डबलफाल्ट किए। इसके साथ ही सात ब्रेक प्वाइंट में से एक भी नहीं भुना सकी। इसकी वजह से पहला सेट गंवा दिया। दूसरे सेट में हालांकि दोनों ने अच्छी वापसी की। दोनों टीमों ने तीन तीन ब्रेक प्वाइंट भुनाए। कड़े मुकाबले के बीच यह सेट जीतकर सानिया और किचेनोक ने मैच टाइब्रेकर तक खिंचा। टाइब्रेकर में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उन्होंने जीत दर्ज की। सानिया मां बनने के बाद दो साल टेनिस से दूर थी।
पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से निकाह करने वाली सानिया ने 2018 में इजहान को जन्म दिया। उसने अक्टूबर 2017 में आखिरी टूर्नामेंट खेला था। भारतीय टेनिस को नयी बुलंदियों तक ले जाने वाली सानिया युगल में नंबर एक रह चुकी है और छह बार की ग्रैंडस्लैम विजेता है। उन्होंने 2013 में एकल टेनिस खेलना छोड़ दिया था। वह 2007 में डब्ल्यूटीए एकल रैंकिंग में 27वें स्थान तक पहुंची थी। अपने कैरियर में वह लगातार कलाई और घुटने की चोट से जूझती रही है।