Women's Day 2018: सानिया मिर्जा ने 6 साल की उम्र में थामा रैकेट, 17 साल में बनीं विंबलडन चैंपियन
By सुमित राय | Published: March 7, 2018 09:11 AM2018-03-07T09:11:30+5:302018-03-07T09:11:30+5:30
8 मार्च को इंटरनेशनल वुमन्स डे के मौके पर lokmatnews.in बता रहा है सानिया मिर्जा की सक्सेस स्टोरी।
सानिया मिर्जा अक्सर अपने खेल के साथ अन्य वजहों से भी सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन सानिया ऐसी प्लेयर हैं जिन्होंने भारतीय टेनिस जगत में खलबली मचा दीं और लड़कियों ने उनकों अपना रोल मॉडल बना लिया। भारत में क्रिकेट ज्यादा पॉपुलर है, लेकिन सानिया ने लोगों के बीच टेनिस का क्रेज पैदा किया और लोग अपनी बेटियों को टेनिस प्लेयर बनाने के सपने देखने लगे थे। 8 मार्च को इंटरनेशनल वुमन्स डे के मौके पर lokmatnews.in बता रहा है सानिया मिर्जा की सक्सेस स्टोरी।
सानिया ने 6 साल की उम्र में थामा था रैकेट
15 नवंबर 1986 को मुंबई में जन्मी सानिया मिर्जा की शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद के एनएएसआर स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के ही सेंट मैरी कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की। सानिया के पिता इमरान खेल रिपोर्टर थे और मां नसीमा मुंबई में प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़ी एक कंपनी में काम करती थीं। सानिया के सक्सेस के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान है।
सानिया ने पहली बार 6 साल की उम्र में टेनिस रैकेट थामा था और हैदराबाद के निजाम क्लब में खेलना शुरू किया। महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली। पैसे की कमी के चलते सानिया के पिता ने कुछ बड़े कमर्शियल ग्रुप्स से स्पॉन्सरशिप ली। हैदराबाद से शुरुआत के बाद सानिया अमेरिका की टेनिस एकेडमी भी गईं। (यह भी पढ़ें: Women's day 2018: इनके पास कभी नहीं थे डायट के लिए पैसे, वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियन में 22 साल बाद दिलाया गोल्ड)
17 साल में बनीं विंबलडन चैंपियन
सानिया मिर्जा ने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 1999 में सिर्फ 14 साल की उम्र में विश्व जूनियर टेनिस चैंपियनशिप से की। 2003 में उनके करियर में अहम मोड़ आया और उन्होंने वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद जूनियर विंबलडन में डबल्स में जीत हासिल की। उस समय उनकी उम्र 17 साल थी।
Eyes on the stars, feet on the ground 🌟 pic.twitter.com/Xy4lGtnt4v
— Sania Mirza (@MirzaSania) March 4, 2018
सानिया के ग्रैंड स्लैम
सानिया मिर्जा ने साल 2009 में महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का मिक्स डबल्स खिताब जीता था। उन्होंने साल 2012 में महेश भूपति के साथ फ्रेंच ओपन मिक्स डबल्स खिताब जीता। साल 2014 में सानिया मिर्जा नें ब्राजील के ब्रूनो सुआरेस के साथ यूएस ओपन मिक्स डबल्स खिताब और 2015 में मार्टिना हिंगिस के साथ विंबलडन का डबल्स खिताब भी अपने नाम किया। सानिया ने साल 2015 में मार्टिना हिंगिस के साथ यूएस ओपन का डबल्स खिताब और साल 2016 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का डबल्स खिताब जीता। (यह भी पढ़ें: इस महिला खिलाड़ी ने चोट के कारण छोड़ दी थी मुक्केबाजी, 16 की उम्र में शूटिंग वर्ल्ड कप में जीता गोल्ड)
सानिया की पर्सनल लाइफ
सानिया मिर्जा ने साल 2009 में अपने बचपन के दोस्त सोहराब मिर्जा से सगाई की, लेकिन उनका यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ पाया। इस बारे में सानिया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बेशक हम बचपन के दोस्त है और दोस्त के नजरिये से ठीक है लेकिन जीवनसाथी के तौर पर हम में बात नहीं बनी।
Happy birthday @realshoaibmalik 🎂🎊 wish you love , laughter and happiness always 💟 pic.twitter.com/zcF3E9mqml
— Sania Mirza (@MirzaSania) January 31, 2018
इसके बात सानिया ने 12 अप्रैल 2012 को पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मालिक से शादी कर ली। दोनों ने हैदराबाद के ताज कृष्णा होटल में मुस्लिम रीति-रिवाजों से शादी की थी। इसके बाद सानिया को लेकर विरोध होने लगा और लोगों ने यहां तक कहा कि उन्हें अब भारत के लिए नहीं खेलना चाहिए। हालांकि सानिया ने इस तरह के विवादों से दूरी बनाते हुए खेल पर ध्यान दिया और भारत के लिए खेलती रहीं।
सानिया को मिले सम्मान
साल 2004 में सानिया को उनके बेहतर खेल के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। इसके बाद 18 साल की उम्र में सानिया को साल 2006 में पद्मश्री से नवाजा गया। सानिया इस सम्मान को पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनी थीं। 2006 में ही सानिया को अमेरिका में वर्ल्ड टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर चुना गया। सानिया को साल 2015 में राजीव गांधी खेल रत्न और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानिया किया गया।
खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें।