सानंद वर्मा ने साझा कि संघर्ष के दिनों की याद, ऑडिशन के लिए रोज चल कर जाते थे 50 किमी

By वैशाली कुमारी | Published: August 1, 2021 01:40 PM2021-08-01T13:40:47+5:302021-08-01T13:40:47+5:30

सानंद वर्मा ने बताया कि  मुंबई में उनकी पहली रात  एक दवा के कारखाना में गुजारी थी जहां से बहुत दुर्गंध आ रही थी। ऐक्‍टर के मुताबिक, वह हर दिन ऑडिशन के लिए 50 किमी चलते थे।

Actor Sanand Verma shared that memories of his struggle days, used to walk 50 km everyday for auditions | सानंद वर्मा ने साझा कि संघर्ष के दिनों की याद, ऑडिशन के लिए रोज चल कर जाते थे 50 किमी

ऐक्‍टर सानंद वर्मा

Highlightsउन्होने यह भी बताया कि एक वक्‍त था जब उन्हें भूखा रहना पड़ता था क्‍योंकि उनके पास पैसे नहीं थेसानंद वर्मा ने बताया कि  मुंबई में उनकी पहली रात  एक दवा के कारखाना में गुजारी थीसानंद 'मर्दानी', 'रेड', 'पटाखा' और 'छिछोरे' जैसी फिल्‍मों में भी नजर आ चुके हैं

'भाबीजी घर पर हैं' फेम ऐक्‍टर सानंद वर्मा ने हाल ही में अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताया है। उन्होनें बताया जब वह ऐक्‍टर बनने के लिए मुंबई आए थे तो उन्हें किन किन तरह कि दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

सानंद वर्मा ने बताया कि  मुंबई में उनकी पहली रात  एक दवा के कारखाना में गुजारी थी जहां से बहुत दुर्गंध आ रही थी। ऐक्‍टर के मुताबिक, वह हर दिन ऑडिशन के लिए 50 किमी चलते थे। बता दें कि सानंद वर्मा टीवी सीरियल 'भाबीजी घर पर हैं' में अनोखेलाल सक्‍सेना का रोल 2015 से निभा रहे हैं।

एक इंटरव्‍यू के दौरान उन्होनें बताया कि ऐक्‍टर बनने के लिए उन्‍हें काफी मुश्‍किलों का सामना करना पड़ा था। उन्‍होंने यह भी कहा कि उन्‍होंने एक मल्‍टीनैशनल कंपनी में काम किया लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनी जॉब छोड़ दी।

एक इंटरव्यू में बातचीत में सानंद ने कहते हैं, 'इस जर्नी को प्‍लान करना कठिन था क्‍योंकि मुंबई में बहुत भीड़ थी। जब मैं इस शहर में आया तो मेरी जेब में 100 रुपये का नोट था। मुझे नहीं मालूम था कि आगे क्‍या करना है और कहां जाना है। मैनें कई दिक्‍कतों का सामना किया।

मैंने मुंबई में पहली रात दवा कारखाने में गुजारी जहां बहुत बदबू थी और जगह इतनी कम थी कि बड़ी मुश्किल से आप लेट पाए। मैंने एक चटाई का भी इंतजाम किया।' बातचीत में उन्होने यह भी बताया कि एक वक्‍त था जब उन्हें भूखा रहना पड़ता था क्‍योंकि उनके पास पैसे नहीं थे।

वर्मा ने आगे कहा, 'स्‍ट्रगल के बाद मैंने एमएनसी में काम किया लेकिन एक दिन नौकरी छोड़ दी। मेरी सैलरी अच्‍छी थी और लग्‍जरी लाइफस्‍टाइल हो गई थी लेकिन मैंने यह सोचकर सब छोड़ दिया कि नहीं, मुझे ऐक्‍टर बनना है। मैंने एक बड़ा घर खरीदा था और ग्रेच्युटी के सारे फंड और प्रोविडेंट फंड को होम लोन में इन्‍वेस्‍ट कर दिया था। मुझे अपनी कार बेचनी पड़ी क्‍योंकि ईएमआई भरने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे।'

सानंद ने बताया कि ऑडिशन्‍स के लिए उन्होनें मुंबई लोकल में 25 किमी ट्रैवल करने की कोशिश की लेकिन उनसे नहीं हो पाया क्‍योंकि उन्हें लग्‍जरी लाइफस्‍टाइल की आदत हो गई थी। फिर उन्होनें रोज 50 किमी चलना शुरू किया। बता दें, सानंद 'मर्दानी', 'रेड', 'पटाखा' और 'छिछोरे' जैसी फिल्‍मों में भी नजर आ चुके हैं। यही नहीं, वह अपहरण, मिर्जापूर और सेक्रेड गेम्‍स जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चूकें हैं।

Web Title: Actor Sanand Verma shared that memories of his struggle days, used to walk 50 km everyday for auditions

टीवी तड़का से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे