अलर्ट: WhatsApp यूजर्स की प्राइवेसी पर खतरा! स्पाईवेयर ने रखी आपके फोटो से लेकर ईमेल तक पर नजर
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: May 15, 2019 12:05 PM2019-05-15T12:05:48+5:302019-05-15T12:05:48+5:30
इजराइल की सुरक्षा फर्म ने व्हाट्सऐप की एक खामी के चलते ऐसा स्पाईवेयर ऐप में डाल दिया है जिसकी मदद से स्मार्टफोन के कैमरा से लेकर माइक्रोफोन तक हैक किया जा सकता था।
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप की एक सबसे बड़ी खामी का खुलासा हुआ है। कंपनी के बारे में इस खुलासे के बाद से यूजर्स सकते में हैं। WhatsApp हमेशा से अपने यूजर्स की प्राइवेसी की गारंटी देता है लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने कंपनी के दावे की पोल खोल दी है। इजराइल की सुरक्षा फर्म ने व्हाट्सऐप की एक खामी के चलते ऐसा स्पाईवेयर ऐप में डाल दिया है जिसकी मदद से स्मार्टफोन के कैमरा से लेकर माइक्रोफोन तक हैक किया जा सकता था।
इस बात की पुष्टि खुद व्हाट्सऐप ने की है। कंपनी ने बताया कि ऐसा अटैक एक बग के चलते हुआ है जिसके बाद यूजर्स को फौरन ऐप अपडेट करने को कहा गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाट्सऐप यूजर्स को एक मिस्ड कॉल के जरिए उनके मोबाइल फोन्स को हैक किया जा रहा है। यूजर्स को सिर्फ एक WhatsApp कॉल कर उनके फोन के कैमरा और माइक को हैक कर लिया गया। साथ ही यूजर्स के ईमेल से लेकर मैसेज और लोकेशन डेटा तक का पता इससे लगा लिया गया।
इजराइल की सरकार के लिए काम करने वाली फर्म ने कुछ यूजर्स को टारगेट करते हुए उनसे जुड़े डेटा जुटाने के मकसद से स्पाईवेयर को इस्तेमाल किया। इस बात को WhatsApp ने भी माना है हालांकि कंपनी ने किसी फर्म का नाम अपने बयान में नहीं लिया है।
सबसे पहले इस हैक को ब्रिटिश न्यूजपेपर Financial Times ने रिपोर्ट किया। इस हैक के चलते व्हाट्सऐप का एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फेल हो गया और कोई तीसरा यूजर्स के पर्सनल डेटा तक पहुंच गया।
हालांकि अब व्हाट्सऐप ने इस गड़बड़ी को ठीक कर दिया है। यूजर्स अपने WhatsApp को अपडेट कर इस प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते हैं। कंपनी का कहना है कि इस गड़बड़ी का पता चलते ही इसे पिछले महीने फिक्स कर दिया गया था, यूजर्स को इस कारण तुरंत अपडेट करने को कहा गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि पेगासस का इस्तेमाल सऊदी अरब ने पत्रकार और आलोचक जमाल खशोगी की जासूसी करने के लिए किया था, जिनकी इस्तांबुल में वाणिज्य दूतावास में सऊदी एजेंटों द्वारा हत्या कर दी गई थी। एनएसओ समूह पर संयुक्त अरब अमीरात के सर्विंलांस से जुड़े इन कामों का समर्थन करने का भी आरोप है।
2016 में, पेगासस ने एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के आईफोन को टारगेट किया था, जिसके बाद ऐपल ने भी अपनी सुरक्षा सुविधा को अपडेट किया था। अब WhatsApp ने भी अपना बग फिक्स कर दिया है, लेकिन यह अटैक सुरक्षा से जुड़े सवाल पीछे छोड़ गया है।