WhatsApp फर्जी खबरों को रोकने के लिए लाया नया फीचर, बताएगा कितनी बार फॉरवर्ड हुआ एक मैसेज
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: March 27, 2019 07:23 AM2019-03-27T07:23:14+5:302019-03-27T07:23:14+5:30
व्हॉट्सऐप ने फर्जी खबरों पर अंकुश के लिए देशभर में अपना दूसरे चरण का अभियान ‘खुशी साझा करो, अफवाह नहीं’ शुरू कर दिया है। यह अभियान क्षेत्रीय भाषाओं में भी चलाया जा रहWhatsApp ने बयान में कहा, ‘‘अप्रैल में भारत में आम चुनाव शुरू हो रहे हैं। व्हॉट्सऐप ने अपना दूसरे चरण का अभियान ‘खुशी साझा करो, अफवाह’ नहीं शुरू कर दिया है। पहले चरण का अभियान ग्रामीण और शहरी इलाकों में लाखों लोगों तक पहुंचा है। व्हॉट्सएप का दूसरे चरण का अभियान एक सुरक्षित चुनाव प्रक्रिया पर केंद्रित है।’’
तुरंत संदेश भेजने वाले मंच व्हॉट्सऐप ने फर्जी खबरों पर अंकुश के लिए देशभर में अपना दूसरे चरण का अभियान ‘खुशी साझा करो, अफवाह नहीं’ शुरू कर दिया है। यह अभियान क्षेत्रीय भाषाओं में भी चलाया जा रहा है। यह अभियान टीवी, प्रिंट और रेडियो के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी चलाया जाएगा।
WhatsApp ने बयान में कहा, ‘‘अप्रैल में भारत में आम चुनाव शुरू हो रहे हैं। व्हॉट्सऐप ने अपना दूसरे चरण का अभियान ‘खुशी साझा करो, अफवाह’ नहीं शुरू कर दिया है। पहले चरण का अभियान ग्रामीण और शहरी इलाकों में लाखों लोगों तक पहुंचा है। व्हॉट्सएप का दूसरे चरण का अभियान एक सुरक्षित चुनाव प्रक्रिया पर केंद्रित है।’’
व्हॉट्सऐप के प्लेटफार्म से फर्जी खबरों के प्रसार के बाद भीड़ की हिंसा की घटनाओं की वजह से वह लगातार आलोचनाओं के घेरे में है।
प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक, ट्विटर और गूगल ने स्वैच्छिक रूप से इस संहिता पर हस्ताक्षर किए हैं कि आम चुनाव के दौरान उनके मंच का इस्तेमाल फर्जी खबरों के प्रसार के लिए नहीं होने दिया जाएगा।
WhatsApp के भारत में प्रमुख अभिजीत बोस ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग तथा स्थानीय भागीदारों के साथ सुरक्षित चुनाव के लिए अग्रसारी तरीके से काम करना हमारी प्राथमिकता है। हम अपने अभियान के जरिये लोगों को इस बात के लिए जागरूक करेंगे कि वे आसानी से दुर्भावना वाले संदेशों को पहचान सकें।’’
यह अभियान दस भाषाओं ... अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़, तेलुगू, असमिया, गुजराती, मराठी, मलयालम और तमिल में शुरू किया गया है।