Vodafone बंद हो जाएगी अगर सरकार ने नहीं दी ये रियायत, ग्राहकों पर डालेगी एजीआर का बोझ?
By संतोष ठाकुर | Published: February 27, 2020 08:54 AM2020-02-27T08:54:23+5:302020-02-27T08:54:23+5:30
इससे पहले खबर आई थी कि कंपनी ने सरकार से कहा है कि वह एक रुपए का भुगतान करके उनकी कंपनी को खरीद सकती है. कंपनी को पिछले एक दशक में दो लाख करोड़ का घाटा हुआ है और उसे 53,000 करोड़ का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया चुकाना है.
वोडाफोन ने सरकार से दो-टूक कहा है कि वह एजीआर का पैसा नहीं दे सकता है. सरकार ने अगर राहत नहीं दी तो कंपनी बंद हो जाएगी. यही नहीं उसने दूरसंचार मंत्रालय से कहा है कि वह ग्राहकों का बिल बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल से न्यूनतम फ्लोर राशि लागू करे. इसके तहत ग्राहक कोई भी प्लान खरीदे उस पर 50 रुपये का न्यूनतम प्लान राशि वसूलने की इजाजत दी जाए. डाटा की कीमत न्यूनतम 35 रुपये प्रति जीबी हो. सीथ ही हर आउटगोइंग कॉल पर प्रति मिनट 6 पैसे का चार्ज लगाया जाए.
वोडाफोन-आइडिया ने अपने लिए जीएसटी चार्ज से राहत और एजीआर राशि देने के लिए कम से कम दो वर्ष का समय मांगा है। अपनी मांग के समर्थन में कंपनी ने कहा है कि अमेरिका में प्रति जीबी 489 रुपये, जर्मनी में 350 रुपये, फ्रांस में 207 रुपये और इंग्लैंड में 166 रुपये प्रति जीबी का शुल्क है. वोडाफोन आइडिया ने यह भी कहा कि उस पर लगाए गए 40 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी माफ किया जाए. साथ ही आइडिया के विलय के बाद अतिरिक्त स्पेक्ट्रम को बेचने की अनुमति उसे दी जाए.
इससे पहले खबर आई थी कि कंपनी ने सरकार से कहा है कि वह एक रुपए का भुगतान करके उनकी कंपनी को खरीद सकती है. कंपनी को पिछले एक दशक में दो लाख करोड़ का घाटा हुआ है और उसे 53,000 करोड़ का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया चुकाना है. जाहिर है अगर कंपनी बकाया भुगतान नहीं कर सकी तो उसके 10,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी.
आइए अब आपको बताते हैं ऑफर की वजह! उल्लेखनीय है कि बीएसएनल 4 जी स्पेक्ट्रम और नेटवर्क के लिए प्रयासरत है. ऐसे में वह एक रुपए में वोडाफोन के 30 करोड़ उपभोक्ता पा सकती है. बीएसएनल के 3 जी से 4 जी में जाने की कोशिशों में भी वोडाफोन-आइडिया का नेटवर्क उसे लाभ दे सकता है. माना जा रहा है कि एक रुपए में कंपनी का ऑफर इसी संदर्भ में दिया गया था. माना जा रहा है कि सरकार ने कंपनी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया तो टेलीकॉम सेक्टर डूब जाएगा. रोहतगी पिछले हफ्ते ही मीडिया से कह चुके हैं कि ऐसा हुआ तो टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी और केवल दो कंपनियां ही बचेंगी.