कंप्यूटर-लैपटॉप की निगरानी करने संबंधी अधिसूचना पर केंद्र को देना होगा 6 हफ्ते में जवाब, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: January 14, 2019 12:18 PM2019-01-14T12:18:54+5:302019-01-14T12:18:54+5:30
कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया है। बता दें कि सरकार ने 20 दिसंबर को निर्देश दिया था कि पुलिस और सेंट्रल एजेंसी को किसी भी कंप्यूटर से जारी किए गए किसी भी तरह की जानकारी, सुरक्षित और भेजे गए जानकारियों और उन पर निगरानी रखने का आदेश जारी किया था।
हाल ही में केंद्र सरकार ने देश की दस एंजेसियों को किसी भी कंप्यूटर पर निगरानी का रखने की अनुमति दी थी। इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया है। बता दें कि सरकार ने 20 दिसंबर को निर्देश दिया था कि पुलिस और सेंट्रल एजेंसी को किसी भी कंप्यूटर से जारी किए गए किसी भी तरह की जानकारी, सुरक्षित और भेजे गए जानकारियों और उन पर निगरानी रखने का आदेश जारी किया था।
आदेश के मुताबिक ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज या जानकारी को देख सकते हैं। इसके अलावा ये एजेंसियां देश के किसी भी नागरिक के ईमेल, व्हाट्सऐप और कंप्यूटर डेटा पर नजर रख सकती है। इसी के तहत वकील ने इस नोटिफिकेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार जारी किए आदेश में 10 सेंट्रल एजेसियों जिनमें खुफिया ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय कर बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कैबिनेट सचिवालय (आर एंड एडब्लू), निदेशालय, सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और असम के सेवा क्षेत्रों के लिए) और दिल्ली पुलिस आयुक्त को सभी कंप्यूटर की जासूसी और निगरानी रखने का अधिकार दिया है।
जारी किए गए नोटिस के अनुसार, सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइर या कोई भी कंप्यूटर यूजर इन एजेंसियों को सभी सुविधाएं और तकनीकि सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बाध्य होंगे। ऐसा न करने पर 7 साल की जेल या जुर्माना भी लग सकता है। 10 एजेंसियों को जारी किए गए निर्देश में 10 पुलिस और इंटिलिजेंस एजेंसियां शामिल है।