उपभोक्ता की जेब पर कैंची, वोडाफोन-आइडिया, जिओ और एयरटेल ने यूजर्स को दिया झटका, सभी प्लान होंगे महंगे

By भाषा | Published: November 20, 2019 03:45 PM2019-11-20T15:45:26+5:302019-11-20T17:48:04+5:30

सस्ती दरों पर सेवाएं दे रही रिलायंस जियो ने कहा कि वह अगले कुछ सप्ताह में मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली है। एक ही दिन पहले सोमवार को भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि वे दिसंबर से मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली हैं।

Scissors on consumer's pocket, Vodafone-Idea, Jio and Airtel give a blow to users, all plans will be expensive | उपभोक्ता की जेब पर कैंची, वोडाफोन-आइडिया, जिओ और एयरटेल ने यूजर्स को दिया झटका, सभी प्लान होंगे महंगे

नियामक उसके बाद इसकी समीक्षा करेगा कि शुल्क वृद्धि नियामकीय दायरे में है या नहीं।

Highlightsभारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मोबाइल सेवाओं की दरों में संशोधन पर संभवत: परामर्श की शुरुआत करने वाला है।ट्राई से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नियामक अभी दूरसंचार कंपनियों द्वारा शुल्क वृद्धि को अमल में लाने का इंतजार करेगा।

दूरसंचार क्षेत्र में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के बाद रिलायंस जियो ने भी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने की घोषणा की है।

कंपनियों का यह निर्णय आम उपभोक्तओं की जेब पर भारी पड़ सकता है, जबकि जियो ने कहा है कि वह दर में वृद्धि इस तरह करेगी ताकि डेटा उपभोग पर प्रतिकूल असर न पड़े। फिलहाल सबसे सस्ती दरों पर सेवाएं दे रही रिलायंस जियो ने कहा कि वह अगले कुछ सप्ताह में मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली है। एक ही दिन पहले सोमवार को भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि वे दिसंबर से मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली हैं।

जियो ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मोबाइल सेवाओं की दरों में संशोधन पर संभवत: परामर्श की शुरुआत करने वाला है। हालांकि इस बीच ट्राई से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नियामक अभी दूरसंचार कंपनियों द्वारा शुल्क वृद्धि को अमल में लाने का इंतजार करेगा।

नियामक उसके बाद इसकी समीक्षा करेगा कि शुल्क वृद्धि नियामकीय दायरे में है या नहीं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘अन्य कंपनियों की तरह हम भी सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। हम उद्योग जगत को मजबूत कर उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिये नियामकीय व्यवस्था का अनुपालन करेंगे। हम अगले कुछ सप्ताह में शुल्क बढ़ाने समेत अन्य कदम इस तरह उठायेंगे कि इसका डेटा के उपभोग या डिजिटलीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े व निवेश भी मजबूत बना रहे।’’

अपने ग्राहकों को विश्वस्तरीय डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए कंपनी एक दिसंबर 2019 से अपने टैरिफ के दामों में उचित वृद्धि करेगी। हालांकि , कंपनी ने यह जानकारी नहीं दी है कि वह टैरिफ में कितनी वृद्धि करेगी। एयरटेल ने बयान में कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ काफी पूंजी की आवश्यकता है। इसमें लगातार निवेश की जरूरत है। इस कारण यह बहुत जरूरी है कि डिजिटल इंडिया के विचार का समर्थन करने के लिए उद्योग को व्यवहारिक बनाये रखा जाए।

कंपनी ने बयान में कहा, " इस देखते हुए , एयरटेल दिसंबर महीने में उचित दाम बढ़ाएगी।" कंपनी ने कहा कि उसे लगता है दूरसंचार नियामक ट्राई भारतीय मोबाइल क्षेत्र में मूल्य निर्धारण को तर्कसंगत और व्यावहारिक बनाने के लिए सलाह - मशविरा की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।

वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। किसी भारतीय कंपनी का एक तिमाही में यह अब तक का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान है। समायोजित सकल आय (एजीआर) को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर सांविधिक बकाये के भुगतान के लिये जरूरी प्रावधान किये जाने की वजह से उसे यह नुकसान हुआ है। भारती एयरटेल ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है।

न्यायालय ने सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए वोडाफोन - आइडिया समेत अन्य दूरसंचार कंपनियों को सांविधिक बकाये का भुगतान दूरसंचार विभाग को करने का निर्देश दिया है। वोडाफोन आइडिया ने पिछले सप्ताह कहा था कि देश में अब कारोबार जारी रखने की उसकी क्षमता सरकारी राहत और कानूनी विकल्पों के सकारात्मक नतीजों पर निर्भर करेगी। बयान में कहा गया है , " दूरसंचार क्षेत्र में गंभीर वित्तीय संकट को सभी हितधारकों ने माना है और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति उचित राहत देने पर विचार कर रही है। "

उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद छिड़े टैरिफ युद्ध को संभालने के लिए वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने दूरसंचार कारोबार के विलय का फैसला किया था। इस विलय के साथ पिछले साल 31 अगस्त को अस्तित्व में आई संयुक्त इकाई वोडाफोन - आइडिया 40.8 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनी थी। हालांकि , इस विलय के बाद भी कंपनी की वित्तीय दिक्कतें दूर नहीं हुईं और विलय के बाद उसे 10 करोड़ से ज्यादा मोबाइल ग्राहकों का नुकसान हुआ।

कंपनी ने नेटवर्क के निर्माण में निवेश किया है। हालांकि , टैरिफ से निवेश पर कम रिटर्न से उसका वित्तीय संकट बढ़ा है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के मुताबिक , मोबाइल डेटा की कीमत 95 प्रतिशत घटकर 11.78 रुपये प्रति गीगाबाइट (जीबी) पर आ गई है।

वोडाफोन - आइडिया ने कहा कि उसके पास सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम है और अपने नेटवर्क के एकीकरण को तेज करके कंपनी तेजी से अपनी पहुंच (कवरेज) और क्षमता दोनों को बढ़ा रही है। कंपनी ने कहा , " वोडाफोन - आइडिया नई प्रौद्योगिकी और नए उत्पाद / सेवा को पेश करके अपने 30 करोड़ से अधिक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से निवेश करना जारी रखेगी। " 

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