लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए आपके स्मार्टफोन के ऐप ही कर रहे हैं डेटा की 'चोरी', जानिए कैसे
By अनुराग आनंद | Published: February 21, 2021 11:43 AM2021-02-21T11:43:17+5:302021-02-21T11:47:14+5:30
इस रिसर्च में यह बात सामने आई है कि किस हद तक ऐप द्वारा लोकेशन ट्रैक करने की अनुमति मांगे जाने के बाद परमिशन मिलते ही लोगों के निजी जीवन से जुड़ी अहम जानकारी किसी तीसरे के पास जा रही होती है।
नई दिल्ली: स्मार्टफोन यूजर्स अक्सर अपने फोन में किसी ऐप को इंस्टाल करते समय सेवाओं का लाभ लेने के लिए कंपनियों को अपने मोबाइल के कुछ डेटा को एक्सेस करने की अनुमति देते हैं।
ज्यादातर यूजर्स बिना कुछ सोचे-समझे या नियमों को बिना पढ़े कंपनियों को अनुमति दे देते हैं। ऐप इंस्टाल करते समय कंपनियों को दिए जाने वाले इन अनुमतियों के गोपनीयता व उसके उद्धेश्य से समान्य यूजर्स अनजान होते हैं।
इंडिया डॉट कॉम के रिपोर्ट मुताबिक, एक नए रिसर्च में यह पता लगा है कि कई मोबाइल ऐप लोगों की व्यक्तिगत जानकारी पर नजर बनाए हुए है।
लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए लोगों के निजी जानकारी पर खतरा-
कई ऐप तो लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए लोगों के निजी जानकारी को इकट्ठा भी कर रहा है। इस रिसर्च में यह बात सामने आई है कि किस हद तक लोकेशन ट्रैक होने से लोगों के निजी जीवन से जुड़ी अहम जानकारी किसी तीसरे के पास जा रही है।
इस रिसर्च में दो यूनिवर्सिटी के शोधार्थी ने हिस्सा लिया। विश्व के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन व इटली के यूनिवर्सिटी ऑफ बोलोग्ना के रिसर्चर ने अपने शोध में पाया कि किस तरह से यूजर्स द्वारा ऐप को अपनी जानकारी प्राप्त करने के लिए परमिशन देने के बाद कंपनियां उनके साथ विश्वासघात करते हुए गोपनीयता के नियमों का उल्लंघन करती है।
शोधकर्ताओं ने एक मोबाइल एप्लिकेशन 'TrackingAdvisor' को तैयार कर रिसर्च किया
इस बात के बारे में पता करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक मोबाइल एप्लिकेशन 'TrackingAdvisor' को तैयार किया। इसके बाद उन्होंने पाया कि किस तरह से इसके माध्यम से वह किसी यूजर्स के अहम जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।
रिसर्चर ने बताया कि कंपनियां इसके जरिए आराम से लोगों के मोबाइल में इंस्टाल उनके एप्लिकेशन के जरिए यूजर्स के व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी जानकारी निकाल सकता है और उससे ऐसी जानकारी की गंभीरता के बारे में भी पूछ सकता है कि आप रेट कर बताइए कि यह जानकारी आपके लिए कितनी संवेदनशील है।
क्या आप इन जानकारी को किसी दूसरे से साझा करने से बचना चाहते हैं? इस तरह शोधकर्ताओं ने यह प्रमाणित किया कि किसी ऐप के जरिए किस हद तक यूजर्स की जिंदगी में दखल दिया जा सकता है।
यूजर्स ऐप को कुछ परमिशन देने से पहले उसके बारे में नहीं जानते हैं
यूनिवर्सिटी ऑफ बोलोग्ना के तरफ से शोध करने वाले मिर्को मुसोलसी ने कहा कि यूजर्स कुछ परमिशन देने से पहले उसके बारे में नहीं जानते हैं, जिन्हें वे ऐप और सेवाओं को का लाभ लेने के लिए उन्हें प्रदान करते हैं। विशेष रूप से जब यूजर्स लोकेशन ट्रैकिंग का परमिशन दे रहे होते हैं।
रिसर्च करने वालों ने बताया कि मशीन लर्निंग तकनीकों के माध्यम से ऐप कंपनियां आपके संवेदनशील जानकारी जैसे आप किस स्थान पर रहते हैं, आपकी आदतें क्या है, आपकी रुचियां किस चीज में है, आपका व्यक्तित्व कैसा है आदि के बारे में यूजर्स का डेटा के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर लेता है।
इस रिसर्च के लिए 200,000 से अधिक स्थानों पर नजर रखी गई
इस अध्ययन के लिए, 69 यूजर्स ने कम से कम दो सप्ताह के लिए TrackAdvisor का उपयोग किया। TrackAdvisor ने 200,000 से अधिक स्थानों पर नजर रखी, लगभग 2,500 स्थानों की पहचान की और यूजर्स के डेमोग्राफिक और यूजर्स के पर्सनेलिटी दोनों से संबंधित लगभग 5,000 महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की गई।