लाइफ को आसान बनाने के लिये खरीदे गये ये स्मार्ट डिवाइस कर सकते हैं आपका जीना हराम, सुनते हैं आपकी बात और चुरा सकता है पासवर्ड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 22, 2019 06:17 PM2019-10-22T18:17:29+5:302019-10-22T18:17:29+5:30
हैकर्स नॉर्मल एलेक्सा और गूगल होम ऐप के बैक-एंड कोड में केवल एक सिंगल कैरेक्टर ऐड करके लंबा साइलेंस पीरियड ऐड कर सकते थे। इस दौरान असिस्टेंट ऐक्टिव रहता था।
अमेजन का एलेक्सा और गूगल होम यूजर्स को जल्द ही सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि जिस डिवाइस को आपने अपने काम को आसान बनाने के लिये खरीदा है वही आपके लिये मुसीबत बन सकते हैं। दरअसल सामने आया है कि हैकर्स इन स्मार्ट डिवाइस तक भी आसानी से अपनी पहुंच बना चुके हैं। आपके इस स्मार्ट डिवाइस के जरिये हैकर्स आपकी बातें सुनकर जासूसी कर सकते हैं। बातचीत में आप कभी अपने किसी मेल, सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक पासवर्ड की बात करते हैं तो वो सुनकर आपको खतरे में डाल सकते हैं।
बताया जा रहा है कि एक टेक्निकल कमी की वजह से साइबर आटैकर्स को आपसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी का एक्सेस मिल सकता है। इस फिशिंग अटैक के जरिये यूजर्स का पासवर्ड चुराने की कोशिश भी की जा सकती है।
ऑनलाइन सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह खामी इन डिवाइसेज में सालभर से है इसके चलते लाखों यूजर्स को रिस्क उठाना पड़ सकता है। ZDNet की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समस्या का खुलासा तब हुआ जब यूजर्स को वह कस्टम ऐप्स डाउनलोड करने का ऑप्शन मिला जिसके साथ बैक-एंड में एक खामी भी डिवाइस तक पहुंच गई। इस खामी का फायदा हैकर्स को मिल सकता है।
हैकर्स नॉर्मल एलेक्सा और गूगल होम ऐप के बैक-एंड कोड में केवल एक सिंगल कैरेक्टर ऐड करके लंबा साइलेंस पीरियड ऐड कर सकते थे। इस दौरान असिस्टेंट ऐक्टिव रहता था। इस दौरान स्मार्ट असिस्टेंट ऐक्टिव रहता है और यूजर्स की बातें रिकॉर्ड करके डिवाइस उसे हैकर्स तक पहुंचाता है। यह अमेजन या गूगल की तरफ से कोई थर्ड-पार्टी ऐप फेक मेसेज भेजकर यूजर्स पर अटैक कर सकता है और पासवर्ड की मांग कर सकता है। इसी अटैक को फिशिंग अटैक कहते हैं।
यूजर्स को पता भी नहीं चलेगा कि किस ऐप की वजह से उसके डीटेल्स लीक हुए या उसका पासवर्ड भी चुराया गया है। रिसर्चर्स ने कहा कि सामने आया होरोस्कोप ऐप एरर मेसेज ट्रिगर जरूर करता है, लेकिन फिर भी ऐक्टिव रहता है।' हालांकि अमेजन और गूगल की तरफ से कहा गया है कि उनके डिवाइसेज अब पूरी तरह सेफ हैं।