आपके पास भी हैं ये स्मार्टफोन तो हो जाएं सावधान, सामने आया ये बड़ा खतरा, ऐसे करें बचाव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 5, 2019 11:34 AM2019-10-05T11:34:57+5:302019-10-05T11:34:57+5:30

गूगल के थ्रेड एनालिसिस ग्रुप का कहना है कि इस खतरे की आशंका को NSO ग्रुप से जोड़कर देखा जा रहा है जो कि इजरायल की एक साइबर इंटेलीजेंस कंपनी है।

Google finds Android zero day that can take control of Pixel and Galaxy MI devices | आपके पास भी हैं ये स्मार्टफोन तो हो जाएं सावधान, सामने आया ये बड़ा खतरा, ऐसे करें बचाव

प्रतीकात्मक फोटो

HighlightsNSO ग्रुप ऐसे खतरों को डेवलप कर दूसरे कंपनियों को बेचती है।खतरे से निपटने के लिये गूगल की प्रॉजेक्ट जीरो टीम ने डेवलपर्स को 90 दिन का समय दिया है।

एक स्मार्टफोन में ही बैंक डिटेल से लेकर कई डॉक्यूमेंट्स तक को रखना लोगों के रोजमर्रा के जीवन को जहां आसान बनाता है वहीं इसके खतरे भी हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा निशाने पर रहते हैं एंड्राएड डिवाइस। एक नया मामला सामने आया है जिसमें कई बड़ी कंपनियों के एंड्राएड स्मार्टफोन्स हैक होने की बात की जा रही है।

इस नये हैकिंग का खुलासा गूगल की प्रॉजेक्ट जीरो टीम ने किया शायद यही वजह है कि इसे एंड्राएड जीरो-डे नाम दिया गया है। पता लगाने वाली टीम का कहना है कि एंड्राएड जीरो डे के जरिये हैकर्स लोगों के स्मार्टफोन्स पर पूरी तरह कब्जा कर लेते हैं।

यह नया खतरा एंड्राएड डिवाइस के लिनक्स कर्नेल कोड में छिपा है। कर्नेल कोड उसे कहते हैं जो कोड मेमोरी में सेफ एरिया में लोड किया जाता है जिससे की किसी ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई बदलाव न किया जा सके। यही वह कोड होता है जो हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर से जोड़ने का काम करता है।

अगर हैकर्स ने किसी भी डिवाइस के कर्नेल कोड को हैक किया तो उसके पास पूरे फोन को कंट्रोल करने की ताकत आ जाएगी। और एंड्राएड जीरो डे के जरिये हैकर आसानी से एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा स्मार्टफोन्स को अपने काबू में कर सकते हैं। क्योंकि एंड्राएड जीरो डे को अलग-अलग डिवाइस के हिसाब से कस्टमाइज करने की जरूरत नहीं पड़ती।

गूगल की टीम ने एंड्राएड जीरो डे से जिन स्मार्टफोन को खतरा होने की आशंका जताई है उनमें गूगल पिक्सल 1, पिक्सल 1 XL, पिक्सल 2, पिक्सल 2 XL, हुवावे का पी20, श्याओमी का रेडमी 5ए, रेडमी नोट 5, श्याओमी A1, ओप्पो A3, मोटो Z3, एलजी के ऐसे स्मार्टफोन जो ऑरियो बेस्ड हैं, सैमसंग गैलेक्सी S7, S8 और S9 शामिल हैं।

गूगल के थ्रेड एनालिसिस ग्रुप का कहना है कि इस खतरे की आशंका को NSO ग्रुप से जोड़कर देखा जा रहा है जो कि इजरायल की एक साइबर इंटेलीजेंस कंपनी है। आरोप है कि NSO ग्रुप ऐसे खतरों को डेवलप कर दूसरे कंपनियों को बेचती है। इस ग्रुप ने साल 2016 में भी एक स्पाईवेयर डेवलप किया था। वह स्पाईवेयर एंड्राएड ही नहीं बल्कि एपल के आईओएस डिवाइसेज को एक्सेस करने की क्षमता रखता था।

इस खतरे से निपटने के लिये गूगल की प्रॉजेक्ट जीरो टीम ने डेवलपर्स को 90 दिन का समय दिया है। इससे निपटने के लिये पैचवॉल जारी किया जाएगा जो सबसे पहले पिक्सल स्मार्टफोन के लिये उपलब्ध होगा। 

बचाव-
यदि आप भी इनमें से कोई डिवाइस यूज करते हैं तो सावधान रहें और किसी भी दूसरे सोर्स से कोई भी एप डाउनलोड न करें। यदि आप अपने स्मार्टफोन में क्रोम का इस्तेमाल करते हैं तो इस समस्या के ठीक होने तक किसी दूसरे ब्राउजर का इस्तेमाल करें।

Web Title: Google finds Android zero day that can take control of Pixel and Galaxy MI devices

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