फेसबुक पर विश्वासघात का एक और मुकदमा दर्ज, फोटो ऐप के फीचर चुराकर उसे बर्बाद करने का आरोप
By विशाल कुमार | Published: November 6, 2021 01:21 PM2021-11-06T13:21:28+5:302021-11-06T14:16:14+5:30
फोटो ऐप स्टार्टअप के मुकदमे में कहा गया है कि अक्टूबर, 2015 में एंड्रॉयड पर फोटो के लॉन्च से कुछ घंटे पहले ही इंस्टाग्राम ने अपने लूमिंग फोटो-फीचर ब्लूमबर्ग को लॉन्च कर दिया था. इसके बाद जून 2017 में फोटो बंद हो गया था.
सैन फ्रांसिस्को: फोटो ऐप स्टार्टअप के संस्थापकों ने सौदा कर पाने में नाकाम होने पर उनके ऐप को इस्तेमाल करने के बाद उसे बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए फेसबुक की मूल कंपनी मेटा पर विश्वासघात करने का मुकदमा दर्ज कराया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 में कैंप बेनेट, ओमर एल्सेड और रसेल अर्मांड ने फोटो ऐप की स्थापना की थी जो अपने यूजरों को तस्वीरों को एडिट करने और कई तस्वीरें एक साथ जोड़कर छोटे वीडियो बनाने का विकल्प देता था.
फोटो के संस्थापकों ने कहा है कि फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग उसके शुरुआती यूजरों में से थे और उन्होंने डाउनलोड करके अगस्त 2014 में उस पर पोस्ट किया था.
इसके बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने फोटो ऐप के फीचरों की नकल करके उन्हें बर्बाद कर दिया और कारोबार से पूरी से बर्बाद कर दिया.
2015 में फेसबुक ने फोटो ऐप के फीचर को अपने प्लेटफॉर्म में जोड़ने के लिए संपर्क किया था लेकिन बाद में उसे लटका दिया. मुकदमे में कहा गया है कि अक्टूबर, 2015 में एंड्रॉयड पर फोटो के लॉन्च से कुछ घंटे पहले ही इंस्टाग्राम ने अपने लूमिंग फोटो-फीचर ब्लूमबर्ग को लॉन्च कर दिया था. इसके बाद जून 2017 में फोटो बंद हो गया था.
मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि इस मुकदमे में कोई दम नहीं है औप हम पूरी तरह से अपना बचाव करेंगे.
इस मामले में फोटो ऐप के वकील गैरी एल रेबैक जिन्होंने 90 के दशक में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफप्रतिस्पर्धारोधी कानून उल्लंघन का मुकदमा लड़ा था. उस मामले में माइक्रोसॉफ्ट को साल 2001 में कोर्ट के बाहर समझौता करना पड़ा था.
छोटे प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने का फेसबुक पर पहले भी हो चुका है मुकदमा
हालांकि, फेसबुक पर पहले भी किसी खास फीचर में उसे पीछे छोड़ सकने वाले छोटे प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने का आरोप लगता रहा है.
साल 2012 में इंस्टाग्राम को खरीदने से पहले जकरबर्ग ने कहा था कि बड़ा कारोबार किए बिना भी इंस्टाग्राम हमें अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा सकता है.
दिसंबर 2020 में फ़ेसबुक को फेडरल ट्रेड कमिशन और 48 अटॉर्नी जनरल के दो एंटीट्रस्ट मुकदमों का सामना करना पड़ा था जिसमें दोनों ने कंपनी पर छोटे प्रतिस्पर्धियों को खरीदने या उन्हें बर्बाद करने का आरोप लगाया था.
हालांकि, एक संघीय न्यायाधीश ने जून में फेडरल ट्रेड कमिशन के मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह यह साबित करने में विफल रहा कि फेसबुक का एकाधिकार था.