Asian Games: टेबल टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों ने नहीं जीता कभी कोई मेडल, मनिका बत्रा पर दारोमदार
By विनीत कुमार | Published: August 14, 2018 03:03 PM2018-08-14T15:03:54+5:302018-08-14T15:04:26+5:30
एशियन गेम्स में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे टेबल टेनिस की दिगग्ज मानी जाने वाली टीमों के मौजूदगी में भारत की राह आसान नहीं होगी।
नई दिल्ली, 14 अगस्त: इसी साल गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड समेत कुल 8 मेडल जीतकर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले भारतीय टेबल टेनिस दल से एशियन गेम्स में भी उम्मीदें बढ़ गई हैं। खासकर मनिका बत्रा से काफी उम्मीदें हैं जिन्होंने कॉम्नवेल्थ गेम्स में विमेंस सिगल्स का गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया।
इसके अलावा मौमा दास, मधुरिका पाटकर, शरत अचंत, सत्यन गुणसेकरन, एंथॉनी अमलराज जैसे नाम भी हैं जिनसे मेडल की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, चीन से लेकर जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे टेबल टेनिस की दिगग्ज मानी जाने वाली टीमों के मौजूदगी में निश्चित तौर पर भारत की राह आसान नहीं रहने वाली है।
एशियन गेम्स में टेबल टेनिस
भारत ने एशियन गेम्स में टेबल टेनिस में कभी कोई मेडल नहीं जीता है। एशियन गेम्स के इतिहास में भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी केवल क्वॉर्टर फाइनल तक का ही सफर तय कर सके हैं। टेबल टेनिस को पहली बार 1958 में एशियन गेम्स में शामिल किया गया था। तब से अब तक टेबल टेनिस के 98 गोल्ड मेडल्स में से 61 पर चीन जबकि 20 पर जापान और 10 पर दक्षिण कोरिया का कब्जा है। वहीं, टेबल टेनिस के अब तक के कुल 364 मेडल्स में इन तीन देशों ने ही 285 पदक जीते हैं।
भारत को इन खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद
मनिका बत्रा: कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास रचने वाली मनिका इस साल इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन रैकिंग में 24 स्थान की छलांग लगाते हुए 57वें पायदान पर हैं। टेबल टेनिस में उनसे फैंस को काफी उम्मीदें हैं। बत्रा ने 2016 के साउत एशियन गेम्स में तीन गोल्ड जीते थे। हालांकि, रियो ओलंपिक-2016 में वे पहले दौर से ही बाहर हो गई थीं।
शरत कमल अचंत: कॉमनवेल्थ वेल्थ गेम्स कुल चार गोल्ड जीत चुके अचंत कह चुके हैं कि ये उनका आखिरी एशियन गेम्स होगा। ऐसे में जाहिर है वह मेडल के साथ विदाई लेना चाहेंगे। साल 2004 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे जा चुके अचंत कई यूरोपीय लीग में खेल चुके हैं और फिलहाल जर्मन बुंडेसलीगा में खेल रहे हैं। 2006 में मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मेंस सिंगल्स और टीम इवेंट का गोल्ड जीत चुके अचंत ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी मेंस डबल्स का गोल्ड अपने नाम किया था। इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में अचंत ने तीन मेडल जीते।
सत्यन गुणसेकरन: सत्यन ने इस साल गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीता था। बीते साल सत्यन ने बुल्गारिया, स्वीडन और बेल्जियम में खेले गये टूर्नामेंटों में मेडल जीते।
हरमीत देसाई: गुजरात के सूरत से ताल्लुक रखने वाले हरमीत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम स्पर्धा मे गोल्ड और डबल्स में सिल्वर जीता था। घरेलू स्तर पर 300 से ज्यादा मेडल जीत चुके हैं। हरमीत अभी 24 साल के हैं और केवल 8 साल की उम्र में पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट खेला था। 2014 में कतर ओपन वर्ल्ड टूर प्लेटिनम सीरीज (सबसे अधिक इनामी राशि) में खेलने वाले पहले भारतीय बने। इसके बाद उन्होंने सौम्यजीत घोष के साथ खेलते हुए ऑस्ट्रेलियन और फिलिपींस ओपन में डबल्स का सिल्वर मेडल जीता।
एंथॉनी अमलराज: पिछले ही साल अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे गये अमलराज तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं। अमलराज ने 2014 में शरत कमल के साथ खेलते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का डबल्स का सिल्वर मेडल जीता। अमलराज ने इससे पहले 2012 में शरत कमल को हराकर नेशनल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप का खिताब जीता था। इस साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में अमलराज ने मेंस टीम का गोल्ड मेडल जीता।
मौमा दास: कोलकाता में जन्मीं और पली-बढ़ीं मौमा दास भारतीय महिला टेबल टेनिस में बड़ा नाम हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड सहित कुल 5 मेडल जीत चुकीं मौमा के नाम साउथ एशियन गेम्स में भी तीन गोल्ड मेडल हैं। साल- 2013 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजी जा चुकीं मौमा 2004 और 2016 के ओलंपिक खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। मौमा 2017 के टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में मनिका बत्रा के साथ खेलते हुए क्वॉर्टर फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थीं। साथ ही 61 सालों में बत्रा के साथ ऐसा करने वाली वाली पहली भारतीय बनीं।
भारतीय टेबल टेनिस दल-
पुरुष दल: अचंता शरत कमल, सत्यन गुणसेकरन, एंथॉनी अमलराज, हरमीत देसाई, मानव ठक्कर
महिला दल: मनिका बत्रा, मौमा दास, मधुरिका पाटकर, अहिका मुखर्जी, सुतिर्था मुखर्जी