शिव चालीसा के पाठ से आप बदल सकते हैं अपना जीवन, जानें इसका महत्व और विशेष फल
By गुणातीत ओझा | Published: September 11, 2020 03:24 PM2020-09-11T15:24:04+5:302020-09-11T15:24:04+5:30
हिन्दू धर्म में शिव चालीसा का खास महत्व है। शिव जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है, तो आइए हम आपको शिव चालीसा की महिमा के बारे में बताते हैं।
शंकर जी को संहार का देवता कहा जाता है। शंकर जी सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। हिन्दू धर्म में शिव चालीसा का खास महत्व है। शिव जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है, तो आइए हम आपको शिव चालीसा की महिमा के बारे में बताते हैं।
क्या है शिव चालीसा
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हिन्दू धर्म में भक्त सरल भाषा में जो भगवान की प्रार्थना करता है उसे चालीसा कहते हैं। शिव चालीसा को चालीसा कहने के पीछे एक कारण यह भी है कि इसमें चालीस पंक्तियां हैं। इस प्रकार लोकप्रिय शिव चालीसा का पाठ कर भक्त बहुत आसानी से अपने भगवान को प्रसन्न कर लेते हैं। शिव चालीसा के द्वारा आप अपने सभी दुख भूलकर शंकर भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह भक्त शिव जी को प्रसन्न कर अपनी मनोकामना पूरी कर लेते हैं।
भय को दूर करता है शिव चालीसा का पाठ
शिव चालीसा का पाठ करने से डर से भी छुटकारा मिलता है। इसके लिए ''जय गणेश गिरीजा सुवन, मंगल मूल सुजान, कहते अयोध्या दास तुम, देउ अभय वरदान'' पंक्ति पढ़ें। इस पंक्ति को शाम के समय नहीं बल्कि सुबह पढ़ें। इस प्रकार 40 दिन तक लगातार पढ़ें आपको लाभ मिलेगा।
शिव चालीसा से दुख और परेशानियां भी होती हैं दूर
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अगर आप बहुत से परेशान और दुखी हैं तो निराश न हों। शिव चलीसा की इस एक पंक्ति का जाप करें ''देवन जबहिं जाय पुकारा, तबहिं दुख प्रभु आप निवारा।'' ध्यान दें इस पंक्ति को रात में 11 बार पढ़ें और काम पूरा होने के बाद गरीबों के बीच मिठाई जरूर बांटें।
अभीष्ट कार्य पूरा करने में भी सहायक है शिव चालीसा
अगर आप किसी इच्छित कार्य के लिए प्रयासरत हैं तो शिव चालीसा की यह लाइन पढ़ें- ''पूजन रामचंद्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा।'' इस पंक्ति को सायंकाल में 13 बार पढ़े और ऐसा लगातार 27 दिन तक करते रहें।
शिव चालीसा पढ़ने के हैं खास नियम
प्रातः जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। उसके बाद शिव चालीसा पढ़ने के लिए पवित्र मन से ईश्वर का ध्यान करें। ब्रह्म मुहूर्त में एक सफेद आसन पर बैठें। उसके बाद उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर लें। ईश्वर की मूर्ति के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 11 बार पाठ करें। पाठ करते समय शिवलिंग पर जल का पात्र रखे और प्रसाद रूप में मिश्री का भोग लगाएं। पूजा में चावल, कलावा, सफेद चंदन, धूप-दीप, पीले फूलों की माला और सफेद आक के 11 फूल भी रखें। साथ ही एक बेलपत्र भी उल्टा करके शिवलिंग पर अर्पित करें। पाठ शुरू करने से पहले लोटे का जल भी रखें। ध्यान रखें एक दिन में दो-तीन बार पाठ करें। यह पाठ लगातार 40 दिन तक करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पाठ तेज आवाज में पढ़े ताकि भक्तों को भी सुनाई दे, इससे लाभ होगा। उसके बाद लोटे के जल को घर में चारों तरफ छिड़क दें और प्रसाद को बच्चों में बाटें।
शिव चालीसा के पाठ से मिलता है अच्छा वर
ऐसी मान्यता है कि शिव जी को प्रसन्न करना बहुत आसान है इसलिए कुंवारी लड़कियां शिवजी जैसा वर पाने के लिए न केवल शिव चालीसा का पाठ करती हैं बल्कि सोमवार को व्रत भी रखती हैं। अच्छा वर पाने के लिए शिव चालीसा के इन लाइन का पाठ करें ''कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर, भई प्रसन्न दिए इच्छित वर।'' इस लाइन का सुबह 54 बार पाठ करें। ऐसा 21 दिन करने से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। सोमवार के दिन व्रत रखकर शिव चलीसा का पाठ करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। शिवचालीसा का पाठ करने से स्त्रियों को मृत्यु से कोई भय नहीं रहता तथा उनकी सेहत भी ठीक रहती है। यदि आप शिव जी की कृपा चाहते हैं तो ईमानदारी पूर्वक पाठ करें आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी
शिव चालीसा का महत्व
शिव चालीसा का हिन्दू धर्म में खास महत्व है। सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ लाभकारी होता है। इस तरह से पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है। सेहत ठीक रहती है और शिव जी हर तरह के खतरे से बचाते हैं। बीमार व्यक्ति भी ठीक हो जाता है और गर्भवती स्त्रियों के बच्चों की भलाई हेतु यह शिव चालीसा बेहद कारगर होता है।