आस्था या मजाक! महामारी से देवी बनीं कोरोना, महिलाएं कर रही हैं 'कोरोना माई' की पूजा

By मेघना वर्मा | Published: June 6, 2020 08:47 AM2020-06-06T08:47:30+5:302020-06-06T09:29:52+5:30

कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग ही है, इसलिए किसी भी तरह के अंधविश्वास में ना पडे़ं।

women worshiping corona virus as a corona devi know the story of corona mai | आस्था या मजाक! महामारी से देवी बनीं कोरोना, महिलाएं कर रही हैं 'कोरोना माई' की पूजा

आस्था या मजाक! महामारी से देवी बनीं कोरोना, महिलाएं कर रही हैं 'कोरोना माई' की पूजा

Highlightsकोरोना वायरस को महिलाओं ने कोरोना माई का रूप दे दिया है।अंधविश्वास के चलते कोरोना वायरस से जुड़ी कहानियां भी लोगों ने बना ली है।

कोरोना के लेकर पूरी दुनिया सहमी हुई है। देश में भी कोरोना की जड़ें फैल चुकी हैं। लोग महीनों से घरों में कैद हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से इसे रोकने की कोशिश की जा रही है। वहीं इस कोरोना बीमारी ने कहीं-कहीं कोरोना माई का रूप ले लिया है। भारत के कुछ हिस्से में इसकी ना सिर्फ पूजा हो रही है बल्कि लोग इससे जुड़ी मनगढ़तं कहानियां भी बना रहे हैं। 

देश में अंधविश्वास, विज्ञान से ज्यादा बढ़ा है। इसी अंधविश्वास ने ऐसा रंग ले लिया है कि हरियाणा में रहने वाले बिहार और यूपी की कई महिलाओं ने भी कोरोना माता की पूजा करना शुरू कर दिया है। खास बात ये है कि पूजा से जुड़ी कई सारी मान्यता और परंपरा भी बताई जा रही है। सिर्फ हरियाणा में ही नहीं बिहार के कई हिस्सों में भी कोरोना माई की पूजा हो रही है। 

तय किया गया है पूजा का दिन

जहां एक तरफ सरकार शिक्षा पर इतना जोर देती है वहां लोग अंधविश्वास में आकर ऐसी हरकतें कर रहे हैं। जो बीमारी अब तक हजारों लोगों की जान ले चुकी है उसी को मईया के रूप में पूज रहे हैं। हैरानी तो ये है कि पूजा के लिए दिन निश्चित किए गए हैं। एनबीटी की खबर के अनुसार कोरोना माता की पूजा शुक्रवार और सोमवार की की जा रही है। फरीदाबाद के बसंतपुर कालोनी में भी कई महिलाएं इस दिन यमुना तट पर पूजा करने पहुंच गई।

बिहार में दिखा रंग, सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा ध्यान

बिहान में महिलाओं ने खेतों में जाकर ना सिर्फ पूजा की बल्कि कोरोना माई को लड्डू और फूल भी चढ़ावा चढ़ाया। महिलाओं का कहना है कि वो पूजा करके कोरोना मईया से विनती कर रही हैं कि वो जहां से आई हैं वहां वापिस चली जाएं। इस दौरान महिलाएं एक साथ इकट्ठा होकर पूजा कर रही हैं।

बिहार से आई इस तस्वीर में महिलाओं ने फूलों की मदद से चकले पर बेलन को खड़ा किया है।
बिहार से आई इस तस्वीर में महिलाओं ने फूलों की मदद से चकले पर बेलन को खड़ा किया है।

9 नंबर का कनेक्शन

पूजा के नियम के अनुसार 9 अंक को खास स्थान दिया गया है। कोरोना माता को 9 अंक के हिसाब से ही मिठाई, फूल, अगरबत्ती चढ़ाई जा रही है। कोविड 19 के 9 से ये संख्या ली गई है। जिसे निभाया जा रहा है। कई जगह महिलाएं अपने घरों में चकले पर बेलन को खड़ा करके भी कोरोना माता की पूजा कर रही हैं। 

कोरोना माई की कथा भी

कोरोना माई को लेकर दंत और कथाएं भी उड़ायी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि एक खेत में गाय चर रही थीं वहीं कुछ महिलाएं भी थीं। अचानक वह गाय एक बूढ़ी महिला में बदल गई। महिलाएं यह देखकर भागने लगीं। तब उस बूढ़ी औरत ने कहा कि डरे नहीं वह कोरोना माई हैं जो उनकी पूजा करेगा उसका परिवार कोरोना के कारण रोना नहीं पड़ेगा।

ऐसी आस्था किसी काम की नहीं जो किसी जानलेवा बीमारी को भगवान का दर्जा दे दे। सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना से बचाव का एक मात्र रास्ता है। किसी भी तरह के अंधविश्वास के चक्कर में ना फंसे। 

Web Title: women worshiping corona virus as a corona devi know the story of corona mai

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