क्या वाकई महिलाएं हनुमान पूजा नहीं कर सकतीं? जानें क्या है सच्चाई
By गुलनीत कौर | Published: January 29, 2019 11:54 AM2019-01-29T11:54:37+5:302019-01-29T11:54:37+5:30
महिलाएं हनुमान पूजा में बैठ भी सकती हैं और स्वयं हनुमान जी के किसी भी पाठ अथवा मंत्र का नियमित जाप कर सकती हैं। पुरुषों की तरह ही वे हनुमान मंदिर जाकर पूजा करके बजरंगबली को प्रसाद भी चढ़ा सकती हैं।
अक्सर यह कहा जाता है कि महिलाएं हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकती हैं। वे हनुमान पूजा में नहीं बैठ सकतीं हैं और उनकी मूर्ति को तो गलती से भी स्पर्श नहीं कर सकती हैं। मंदिरों में भी महिलाओं को हनुमान जी की मूर्ति को दूर से ही प्रणाम करने को कहा जाता है। मूर्ति के अधिक करीब जाना वर्जित माना गया है। लेकिन ऐसा क्यों?
लोगों में प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक हनुमान जी ब्रह्मचारी थी। यानी उन्होंने विवाह नहीं किया था और वे गृहस्थ जीवन से दूर थे। इसलिए महिलाओं अथवा कन्याओं को उनसे दूर रहने के लिए कहा जाता है। लोग ऐसा भी कहते हैं कि यदि महिलाएं हनुमान जी की पूजा करने तो बजरंगबली नाराज हो जाते हैं। किन्तु उपरोक्त सभी मान्यताएं गलत हैं।
क्या महिलाएं कर सकती हैं हनुमान पूजा?
हिन्दू शास्त्र में महिलाओं को हनुमान पूजा की मनाही नहीं है। महिलाएं या कन्याएं सभी हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं। वे हनुमान पूजा में बैठ भी सकती हैं और स्वयं हनुमान जी के किसी भी पाठ अथवा मंत्र का नियमित जाप कर सकती हैं। पुरुषों की तरह ही वे हनुमान मंदिर जाकर पूजा करके बजरंगबली को प्रसाद भी चढ़ा सकती हैं।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली कहते हैं - हिन्दू धर्म में देवताओं की पूजा भावनाओं से जुड़ी है। यदि आप किसी विसेह्श देवता के सदर्भ में शुद्ध भावना रखकर पूजा करेंगे, तो आपकी पूजा सफल होगी। फिर चाहे वह कृष्णा पूजा हो, शिव पूजा हो या हनुमान पूजा।
कृष्ण पूजा करते से कन्याएं यह कामना करती हैं कि उन्हें कृष्ण जैसा पति मिले। शादीशुदा महिलाएं यह प्रार्थना करती हैं कि कृष्ण उनके वैवाहिक जीवन को सुखी बनाए रखें। शिव पूजा में भी महिलाएं शिव जैसा दयालु पति पाने की कामना करती हैं। यह सत्य है कि शिव पूजा में महिलाओं को शिवलिंग का स्पर्श करने से बचना चाहिए, किन्तु वे पूजा के सभी अनुष्ठान कर सकती हैं।
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हनुमान को मानें अपना भाई
पंडित जी आगे बताते हैं कि जब बात हनुमान पूजा की आती है तो लोग विभिन्न भ्रांतियों में फंस जाते हैं और कहते हैं महिलाएं हनुमान पूजा से दूर रहें। यह सब गलत है। महिलाएं या कन्याएं हनुमान जी को सदैव अपना 'भाई' मानकर उनकी पूजा करें। फिर देखें किस तरह से यह भाई जीवनभर आपकी रक्षा करता है।
पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार हनुमान को शास्त्रों में भगवान नहीं माना गया है। वे तो राम के सेवक हैं। हम सभी के रक्षक हैं। ब्रह्माण्ड के इस रक्षक को यदि महिलाएं अपना भाई मान लें, रोजाना उनकी पूजा-अर्चना करें, तो दुनिया की कोई भी बुरी ताकत उन्हें छू भी नहीं सकती है। मगर हर पूजा के कुछ नियम होते हैं, उसका अवश्य पालन करें।
हनुमान पूजा के नियम:
- हनुमान पूजा से पहले तन और मन दोनों की शुद्धि अवश्य करें। साफ सुथरे कपड़े पहनकर हनुमान पूजा या पाठ करें
- पूजा में सबसे पहले हनुमान जी को शुद्ध घी या तेल का दीप अर्पित करें। हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकते हैं
- यदि संभव हो तो पूजा में हनुमान जी को अपने हाथ से बनाए हुए प्रसाद का भोग लगाएं। वे अधिक प्रसन्न होंगे
- हनुमान पूजा में महिलाएं अवश्य शामिल हों और पूरे मन से उनकी उपासना करें
हनुमान पूजा में ये ना करें:
- यदि महिला अपने रजस्वला से गुजर रही हो तो उसे हनुमान पूजा में नहीं बैठना चाहिए, ना ही पूजा संबंधित कोई कार्य करना चाहिए
- इसके अलावा महिलाएं हनुमान जी से संबंधित लंबे अनुष्ठान भी नहीं कर सकती हैं। इसके पीछे उनका राजस्वला होना ही मुख्य कारण है