कलियुग के अंत में इंसान अपनी कमाई से करेगा सिर्फ ये 1 काम, बिगड़ जाएगा सृष्टि का संतुलन- फिर भी चारों युगों में है सर्वश्रेष्ठ

By मेघना वर्मा | Published: May 16, 2020 09:04 AM2020-05-16T09:04:37+5:302020-05-16T09:04:37+5:30

पुराणों की मानें तो कलियुग में भी भगवान विष्णु पापों का नाश करने और पापियों का संहार करने के लिए अवतार लेंगे। उनके इंसानी रूप का नाम कल्कि होगा।

why kalyug or kaliyug is the best time period to earn punya, what happen in kaliyug ends | कलियुग के अंत में इंसान अपनी कमाई से करेगा सिर्फ ये 1 काम, बिगड़ जाएगा सृष्टि का संतुलन- फिर भी चारों युगों में है सर्वश्रेष्ठ

कलियुग के अंत में इंसान अपनी कमाई से करेगा सिर्फ ये 1 काम, बिगड़ जाएगा सृष्टि का संतुलन- फिर भी चारों युगों में है सर्वश्रेष्ठ

Highlightsविष्णु पुराण के अनुसार कलियुग में पापों का घड़ा भर जाएगा। महर्षि वेद व्यास ने वेदों का वाचन किया और भगवान गणेश ने उनके अनुग्रह पर उन वचनों को लिखा था।

हिन्दू धर्म में चार युगों को माना जाता है। सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग और कलियुग। मान्यता है कि सतयुग में खुद देवता, किन्नर और गंधर्व पृथ्वी पर निवास करते थे। वहीं सतयुग के बाद आया त्रेतायुग। इस युग में भगवान श्रीराम ने जन्म लिया जो स्वंय भगवान विष्णु के अवतार थे। इसके बाद द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। माना जाता है कि इस समय कलियुग चल रहा है। 

पुराणों की मानें तो इस युग में भी भगवान विष्णु पापों का नाश करने और पापियों का संहार करने के लिए अवतार लेंगे। उनके इंसानी रूप का नाम कल्कि होगा। यही कल्कि भगवान कलयुग में बढ़ रहे लगातार अत्याचारों और पापों का नाश करेंगे। 

कलियुग का कालखंड सबसे छोटा बताया गया है। विष्णु पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि कलियुग में पाप इतना बढ़ जाएगा कि ब्रह्मा जी की आज्ञा पाकर प्रभु विष्णु धरती पर अवतार लेंगे। पापों के बोझ से सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा। जिसे सुधारने के लिए कल्कि भगवान आएंगे। 

रह जाएगी बस इतनी सी उम्र

विष्णु पुराण के अनुसार कलियुग में पापों का घड़ा भर जाएगा। कन्याएं 12 साल की उम्र में ही गर्भवती होने लगेंगी। वहीं मनुष्य की आयु औसतन सिर्फ 20 वर्ष रह जाएगी। लोग अपने जीवन भर की कमाई को सिर्फ एक घर बनवाने में लगा देंगे। इसके बाद भी सबसे अच्छे युगों में गिना जाएगा कलियुग।

महर्षि वेदव्यास ने बताया सबसे अच्छा युग है कलियुग

महर्षि वेद व्यास ने वेदों का वाचन किया और भगवान गणेश ने उनके अनुग्रह पर उन वचनों को लिखा था। वेद व्यास को ही वेदों का रचनाकार माना जाता है। महर्षि वेद व्यास से जब पूछा गया कि कौन सा युग सबसे अच्छा है तो उन्होंने कलियुग का नाम लिया। 

विष्णु पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार ऋषियों से चर्चा करते हुए वेद व्याज जी कहते हैं कि मुनिजन सभी युगों में कलियुग सबसे श्रेष्ठ होगा। क्योंकि दस वर्ष में जितना व्रत और तप करके कोई मनुष्य सतयुग में पुण्य पाता था, वो त्रेतायुग में वहीं पुण्य एक साल के तप से मिलता था। वहीं द्वापर युग में एक महीने पर उतना पुण्य मिलता था। जबकि कलियुग में मात्र एक दिन के तप से ही वह पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए कलियुग सभी युगों में सर्वश्रेष्ठ माना गया। 

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