Vivah Muhurat 2022: नए साल में कब-कब बजेगी शहनाई, देखें विवाह मुहूर्त 2022 की पूरी लिस्ट
By रुस्तम राणा | Published: December 7, 2021 12:57 PM2021-12-07T12:57:34+5:302021-12-07T13:00:13+5:30
आइए जानते हैं साल 2022 के सभी 12 महीनों में कब-कब विवाह के शुभ मुहूर्त के योग हैं।
Vivah Muhurat 2022: हिन्दू शास्त्रों में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विचार किया जाता है। अगर आप नए साल में विवाह करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले ये देख लीजिए कि विवाह मुहूर्त 2022 कब-कब है। नए वर्ष में विवाह के लिए काफी शुभ मुहूर्त हैं। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से विवाह का मुहूर्त तय कर सकते हैं। नए साल में कुछ ऐसे महीने भी हैं जिनमें शादी के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। आइए जानते हैं साल 2022 के सभी 12 महीनों में कब-कब विवाह के शुभ मुहूर्त के योग हैं।
शुभ विवाह मुहूर्त 2022
जनवरी में विवाह मुहूर्त 2022: 22, 23 और 24 जनवरी
फरवरी में विवाह मुहूर्त 2022: 04, 05, 06, 07, 08,10,18 और 19 फरवरी
मार्च में विवाह मुहूर्त 2022: इस महीने विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
अप्रैल में विवाह मुहूर्त 2022: 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24 और 27 अप्रैल
मई में विवाह विवाह मुहूर्त 2022: 02, 03, 09, 10, 11,12,15, 17, 18, 19, 20, 21, 26, 27 और 31 मई
जून में विवाह मुहूर्त 2022: 01, 05, 06, 07, 08, 09, 10, 11, 13, 17, 23 और 24 जून
जुलाई में विवाह मुहूर्त 2022: 04, 06, 07, 08 और 09 जुलाई
अगस्त में विवाह मुहूर्त 2022: इस महीने कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।
सितंबर में विवाह मुहूर्त 2022: इस महीने में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।
अक्टूबर में विवाह मुहूर्त 2022: इस महीने कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।
नवंबर में विवाह मुहूर्त 2022: 25, 26, 28 और 29 नवंबर
दिसंबर में विवाह मुहूर्त 2022: 01, 02, 04, 07, 08, 09 और 14 दिसंबर
साल 2022 में इन 4 माह में नहीं है कोई विवाह मुहूर्त
नए साल 2022 में चार माह कोई भी मुहूर्त नहीं है। मार्च माह में विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं है। हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्च के अलावा अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में नए वर्ष विवाह का मुहूर्त नहीं है।
विवाह मुहूर्त की गणना में इन बातों का किया रखा जाता है ध्यान
चतुर्मास: हिन्दू पंचांग के अनुसार, विवाह मुहूर्त के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, चतुर्मास में विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान विवाह के अलावा अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं होते हैं।
ग्रह:ज्योतिष शास्त्र में शुक्र और देवगुरु बृहस्पति को विवाह का कारक माना जाता है। अगर ये दोनों ही ग्रह अस्त होते हैं तो भी विवाह नहीं किया जाता है। इसके साथ ही अगर सूर्य देव कर्क सिंह, कन्या, धनु या मीन राशि में विराजमान होता है तो भी विवाह मुहूर्त नहीं निकलता है।
तिथि व दिन: विवाह के लिए चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तिथि को शुभ नहीं माना जाता है। वहीं दिन में मंगलवार का दिन विवाह के लिए अशुभ होता है।