वास्तु शास्त्र टिप्स: जान लें घर के मेन गेट की सही दिशा, आकार, रंग, तभी बनेंगे धनवान

By गुलनीत कौर | Published: April 8, 2019 04:41 PM2019-04-08T16:41:23+5:302019-04-08T16:41:23+5:30

वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसकी मदद से हम घर अथवा मकान में मौजूद सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को पहचान कर वातावरण को नियंत्रित करने में सफल होते हैं।

Vastu Shastra Tips: Direction, shape, size and color of main gate of house to get rid of vastu dosh | वास्तु शास्त्र टिप्स: जान लें घर के मेन गेट की सही दिशा, आकार, रंग, तभी बनेंगे धनवान

वास्तु शास्त्र टिप्स: जान लें घर के मेन गेट की सही दिशा, आकार, रंग, तभी बनेंगे धनवान

वातावरण में मौजूद अच्छी और बुरी ऊर्जा हमारे जीवन को किस तरह से प्रभावित करती है, इसकी जानकारी हमें वास्तु शास्त्र के माध्यम से हासिल होती है। वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसकी मदद से हम घर अथवा मकान में मौजूद सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को पहचान कर वातावरण को नियंत्रित करने में सफल होते हैं। घर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करके सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाकर परिवार के सदस्यों के भविष्य को सुगम बनाया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए हम यह सब संभव कर सकते हैं। 

वास्तु शास्त्र की विधा में कई सारे उत्पाद मौजूद हैं जिनके इस्तेमाल से बुरी ऊर्जा को घर से बाहर कर अच्छी ऊर्जा को अन्दर लाया जाता है। मगर इन उत्पादों पर खर्च करने की बजाय वास्तु के कुछ नियमों का पालन करके भी आप खुशियाँ हासिल कर सकते हैं। आपको केवल घर की वस्तुओं के अनुसार सही दिशा का ज्ञान होना चाहिए। तो आज शुरुआत करते हैं घर के मेन गेट से। जी हां, प्रवेश द्वार से ही घर में खुशियाँ आती हैं और इसका वास्तु दोष से युक्त होना घर का सुख चैन छीन लेता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रवेश द्वार के नियम:

- वास्तु शास्त्र की मानें तो घर का प्रवेश द्वार एक ऐसा स्थान हैं जहां से घर के भीतर हर तरह की ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसका वास्तु दोष रहित होना ढेर सारी खुशियाँ लाता है। इसलिए प्रवेश द्वार हमेशा सही दिशा में हो इस बात का ध्यान रखें

- मेन गेट की सही दिशा की बात करें तो यह इसका मुख हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। यह सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। भूल से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख वाला प्रवेश द्वार ना बनवाएं। इस तरह के घर में खुशियाँ कभी नहीं आती हैं

- दिशा के बाद प्रवेश द्वार के आकार पर भी ध्यान दें। घर का मेन गेट एक ऐसी वस्तु है जो सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए इसका आकार भी घर के अन्य दरवाजों से अलग और बढ़ा होना चाहिए। घर के सभी दरवाजों की तुलना में प्रवेश द्वार का आकार सबसे बढ़ा होना चाहिए

- आकार के बाद बात करते हैं रंग की। जब हम खुशियों के बारे में विचार करते हैं तो हमेशा समय रंगों को मन में लाते हैं। इसलिए प्रवेश द्वार के लिए भी ऐसे ही रंगों का इस्तेमाल करें। प्रवेश द्वार पर काला रंग ना कराएं। इस रंग का घर के मुखिया बुरा प्रभाव होता है

- वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप घर में खुशियाँ चाहते हैं तो जिस रास्ते वे घर के भीतर आ रही हैं, यानी कि प्रवेश द्वार, उसके आसपास कुछ भी नकारात्मक ना रखें। गेट के बाहर, आसपास या उसके पीछे कोई भी हथियार, डंडा, नुकीली वस्तु ना रखें। यह वास्तु दोष को बढ़ावा देता है

- घर के मेन गेट के पास पानी भी नहीं होना चाहिए। मेन गेट के ठीक नीचे पानी की नाली या गटर ना हो। मेन गेट के पास या प्रवेश द्वार से घर में घुसते ही वाश बेसन भी ना हो। प्रवेश द्वार के पास पानी का होना वास्तु दोष को बढ़ावा देता है

Web Title: Vastu Shastra Tips: Direction, shape, size and color of main gate of house to get rid of vastu dosh

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