Utpanna Ekadashi 2021: कब है उत्पन्ना एकादशी व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 22, 2021 12:58 PM2021-11-22T12:58:35+5:302021-11-22T12:58:35+5:30

धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति यह व्रत करता है उस पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की विशेष कृपा बरसती है। व्रती को मोह माया से छुटकारा मिलता है और वह अंत में वैकुंठ लोक प्राप्त करता है।

Utpanna Ekadashi 2021 Utpanna Ekadashi date vrat vidhi muhurat and significance | Utpanna Ekadashi 2021: कब है उत्पन्ना एकादशी व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

उत्पन्ना एकादशी व्रत 2021

Highlights30 नवंबर को रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी व्रत01 दिसंबर को व्रत पारण मुहूर्त में खोला जाएगा व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 30 नवंबर को पड़ रही है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति यह व्रत करता है उस पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की विशेष कृपा बरसती है। व्रती को मोह माया से छुटकारा मिलता है और वह अंत में वैकुंठ लोक प्राप्त करता है। 

उत्पन्ना एकादशी मुहूर्त 2021

एकादशी तिथि प्रारंभ - 30 नवंबर को सुबह 04 बजकर 13 मिनट से शुरू 
एकादशी तिथि का समापन - 1 दिसंबर को 02 बजकर 13 मिनट पर समाप्त
व्रत पारण का समय- 01 दिसंबर को प्रातः 07.34 बजे से 09.01 बजे तक

उत्पन्ना एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें। भगवान विष्णु जी के समक्ष दीप प्रज्जवलित करें। गंगा जल से अभिषेक करें। विष्णु जी को तुलसी चढ़ाएं। जगत के पालनहार को सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। शाम को तुलसी के समक्ष दीप जलाएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। अगले दिन द्वादशी के दिन शुभ मुहूर्त पर व्रत खोलें। ब्राह्मणों को भोजन कराकर, उन्हें दान-दक्षिणा दें।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार मुर नामक राक्षस के आतंक से तीनों लोकों में भय फैल गया। मुर की शक्तियों के कारण देवता डर गए और निदान के लिए भगवान विष्णु से संपर्क किया। विष्णुजी ने सैकड़ों वर्षों तक मूर से युद्ध किया। मगर उसे हरा नहीं सके। इस बीच थकान की वजह से भगवान थोड़ा आराम करना चाहते थे, इसलिए वे हिमावती गुफा में जाकर सो गए। इसी समय दानव मुर ने गुफा के अंदर ही विष्णुजी को मारने की कोशिश की। तभी वहां एक खूबसूरत महिला दिखाई दीं, जिन्होंने लंबी लड़ाई के बाद राक्षस मूर को मार डाला। भगवान विष्णु जागे तो राक्षस के मृत शरीर को देख कर चौंक गए, चूंकि वह महिला विष्णुजी से उत्पन्न हुई थीं तो उन्होंने उन्हें एकादशी नाम दिया। तब से यह दिन उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
 

Web Title: Utpanna Ekadashi 2021 Utpanna Ekadashi date vrat vidhi muhurat and significance

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