Utpanna Ekadashi 2019: आज है उत्पन्ना एकादशी, विष्णु जी की पूजा में कीजिए इस रंग का इस्तेमाल कभी नहीं होगी पैसों की तंगी
By मेघना वर्मा | Published: November 22, 2019 07:08 AM2019-11-22T07:08:14+5:302019-11-22T07:08:14+5:30
बताया जाता है कि उत्पन्ना एकादशी को ही भगवान विष्णु ने मुरी नामक राक्षस का वध किया था। जिसकी खुशी में हर साल उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है।
आज देश भर में उत्पन्ना एकादशी माना जा रहा है। हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत सबसे ज्यादा महत्व बताया जाता है। कहते हैं एकादशी का व्रत रखने से श्रीहरि प्रसन्न हो जाते हैं। मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली उत्पन्ना एकादशी को भी काफी महत्तपूर्ण बताया गया है। इस एकादशी को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जो जातक मन से भगवान विष्णु की पूजा कर लेता है उसके सारे पाप कट जाते हैं।
उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी तिथि- 22 नवंबर
एकादशी तिथि प्रारंभ - 09:01 AM से
एकादशी तिथि समाप्त - 06:24 AM तक
इस रंग का करें इस्तेमाल
भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद पसंद होता है। कोशिश करें कि उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा में पीले रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करें। वहीं पीले रंग के वस्त्र भी धारण करें। अगर संभव हो तो खाने में भी पीली ही चीजें खाएं। ऐसा करने से श्री हरि विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं।
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
बताया जाता है कि उत्पन्ना एकादशी को ही भगवान विष्णु ने मुरी नामक राक्षस का वध किया था। जिसकी खुशी में हर साल उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। खास बात ये है कि उत्तर भारत में उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष महीने में पड़ती है। जबकि कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में यर एकादशी कार्तिक मास में मनाई जाती है।
उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि
1. एकादशी का व्रत करने वाले को एक दिन पहले यानी कि दशमी से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
2. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. उत्पन्ना एकादशी का व्रत निर्जला होता है।
4. अब घर के मंदिर में विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
5. विष्णु की प्रतिमा को तुलसी दल, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।