Utpanna Ekadashi 2019 Date: कब है उत्पन्ना एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Published: November 16, 2019 10:04 AM2019-11-16T10:04:12+5:302019-11-16T10:04:12+5:30
Utpanna Ekadashi Kab Hai: बताया जाता है कि उत्पन्ना एकादशी को ही भगवान विष्णु ने मुरमुरा नामक राक्षस का वध किया था। जिसकी खुशी में हर साल उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है।
हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया जाता है। महीने में दो बार एकादशी आती है। वहीं साल भर में कुल 24 एकादशी आती है। कहते हैं एकादशी का व्रत रखने से श्रीहरि प्रसन्न हो जाते हैं। मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को भी काफी महत्तपूर्ण बताया गया है। इसे उत्पन्ना एकादशी भी कहते हैं।
इस साल उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर को पड़ रही है। इस एकादशी को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जो जातक मन से भगवान विष्णु की पूजा कर लेता है उसके सारे पाप कट जाते हैं।
उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी तिथि- 22 नवंबर
एकादशी तिथि प्रारंभ - 09:01 AM से
एकादशी तिथि समाप्त - 06:24 AM तक
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
बताया जाता है कि उत्पन्ना एकादशी को ही भगवान विष्णु ने मुरमुरा नामक राक्षस का वध किया था। जिसकी खुशी में हर साल उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। खास बात ये है कि उत्तर भारत में उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष महीने में पड़ती है। जबकि कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में यर एकादशी कार्तिक मास में मनाई जाती है।
उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि
1. एकादशी का व्रत करने वाले को एक दिन पहले यानी कि दशमी से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
2. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. उत्पन्ना एकादशी का व्रत निर्जला होता है।
4. अब घर के मंदिर में विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
5. विष्णु की प्रतिमा को तुलसी दल, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
6. अब विष्णु जी की आरती उतारें और घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।
7. उत्पन्ना एकादशी में मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है।
8. इस दिन घर में सुंदर कांड का आयोजन करना शुभ माना जाता है।
9. अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण या गरीब को यथाशक्ति भोजन कराए और दक्षिणा देकर विदा करें।
10. इसके बाद अन्न और जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें।