Sankashti Chaturthi: आज है संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की पूजा से मिलता है मनचाहा फल
By गुणातीत ओझा | Published: July 8, 2020 06:32 AM2020-07-08T06:32:43+5:302020-07-08T06:32:43+5:30
आज संकष्टी चतुर्थी है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है।
Sankashti Chaturthi: हिन्दू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का अलग ही महात्म है। इस दिन गणेश भगवान की पूजा की जाती है। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है। बुद्धि, बल और विवेक के देवता का दर्जा गणेश भगवान को प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। बता दें कि भगवान गणेश के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचलित है। आईये आपको बताते हैं संकष्टी चतुर्थी के बारे में जरूरी बातें...
क्या है संकष्टी चतुर्थी?
संकट को हर लेने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। संस्कृत भाषा से लिए गए संकष्टी शब्द का अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’। इस दिन व्यक्ति अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है। पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं। संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है।
संकष्टी चतुर्थी के अलग-अलग नाम
भगवान गणेश को समर्पित इस त्यौहार में श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाइयों और बुरे समय से मुक्ति पाने के लिए उनकी पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। संकष्टी चतुर्थी को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। कई जगहों पर इसे संकट हारा कहते हैं तो कहीं-कहीं सकट चौथ भी। यदि किसी महीने में यह पर्व मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। अंगारकी चतुर्थी 6 महीनों में एक बार आती है और इस दिन व्रत करने से जातक को पूरे संकष्टी का लाभ मिल जाता है। दक्षिण भारत में लोग इस दिन को बहुत उत्साह और उल्लास से मनाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का सच्चे मन से ध्यान करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जातक को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।