सुशांत सिंह राजपूत की मौत से अनहोनी की आहट, पंचक योग में अभिनेता की मौत से बॉलीवुड पर संकट!
By गुणातीत ओझा | Published: June 14, 2020 06:16 PM2020-06-14T18:16:07+5:302020-09-06T17:59:24+5:30
पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो घर परिवार में पांच लोगों पर मृत्यु के समान संकट मंडराने लगता है। अप्रैल माह में 17 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पंचक थे। यदि व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो समूचा बॉलीवुड एक कुनबा है, एक परिवार है। सभी लोग आपस में जुड़े हुए हैं।
Sushant Singh Rajpoot Death: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत(Sushant Singh Rajput) का यूं दुनिया छोड़कर चले जाना किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। सुशांत सिंह की मौत को ज्योतिष की दुनिया से जुड़े लोग पंचक योग (Panchak Yog) से भी जोड़कर देख रहे हैं। आइये आपको बताते हैं, पंचक क्या है?
भारतीय ज्योतिष में पंचक या पचका को काफी महत्व दिया जाता है। पांच नक्षत्रों के योग से पंचक योग बनता है। शास्त्रों में कहा गया है कि पंचक के समय कोई अशुभ कार्य हो जाए तो उसकी पांच बार आवृत्ति होती है। यानी जो भी अशुभ हुआ हो, वो पांच बार दोहराता है। इसीलिए जिस गांव जिस मोहल्ले में पंचक में मृत्यु होती है, वहां लोग डरे-सहमे रहते हैं। कहा जाता है कि पंचक के प्रभाव से बचना नामुकिन सा होता है। शास्त्रों में इसके उपाय का भी जिक्र है। उपाय अपनाकर इसके असर को कम करने का प्रयास किया जा सकता है।
मान्यता है कि पंचक में अशुभ कार्य का निवारण किया जाए तो यह पूरी तरह से मिट जाता है। विशेष रुप से यदि पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो घर परिवार में पांच लोगों पर मृत्यु के समान संकट मंडराने लगता है। अप्रैल माह में 17 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पंचक था। यदि व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो समूचा बॉलीवुड एक कुनबा है, एक परिवार है। सभी लोग आपस में जुड़े हुए हैं। यही चिंता की वजह बना हुआ है। ज्योतिषी विशेषज्ञ अभिनेता की मृत्यु के रहस्यों को सुलझाने में लगे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि अब कोई अप्रिय घटना न घटित हो।
पंचक योग कब से कब तक
17 अप्रैल दोपहर 12.16 से 22 अप्रैल दोपहर 1.18 बजे तक
14 मई सायं 7.20 से 19 मई सायं 7.53 बजे तक
10 जून मध्यरात्रि बाद 3.40 से 15 जून मध्यरात्रि बाद 3.18 बजे तक
8 जुलाई दोपहर 12.31 से 13 जुलाई प्रातः 11.15 बजे तक
इससे बचने के क्या हैं उपाय
ज्योतिष में पंचक योग को बहुत खराब माना जाता है। कहते हैं इस अवधि में जो भी होता है वह पांच बार होता है। खासकर मृत्यु के मामले में, इसीलिए इसी अवधि के बीच किसी की मृत्यु होने पर उसके शव के साथ पांच पुतले रखे जाते हैं। बुजुर्गों की मानें तो पंचक योग में मौत के बाद मृत व्यक्ति का शव घाट या श्मशान ले जाते वक्त पांच नए मिट्टी के घड़े फोड़े जाते हैं। इस विधि से पंचक योग के दोष को दूर किया जा सकता है। अब सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु भी पंचक योग के बीच हुई है जो कि अच्छे संकेत नहीं दे रही है।
और वो चला गया
सुशांत सिंह राजपूत ने 34 साल की उम्र में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। सुशांत बॉलीवुड के बेहद लोकप्रिय अभिनेता थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुशांत ने जब यह खौफनाक कदम उठाया तो उनके कुछ दोस्त भी उनके घर पर ही मौजूद थे। उनके कमरे के दरवाजे को जब तोड़ा गया तो रूम में सुशांत फांसी के फंदे से लटके पाए गए। सुशांत सिंह राजपूत को आखिरी बार सुबह 10 बजे देखा गया था। 10 बजे के आसपास सुशांत जूस लेकर अपने कमरे में चले गए थे। इसके बाद वो कमरे से बाहर नहीं आए। करीब 12 बजे जब उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया गया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। उनके नंबर पर कॉल की गई तो उसका भी जवाब नहीं मिला। सारे प्रयास विफल होने के बाद दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन दरवाजे का लॉक नहीं टूटा। वहां मौजूद लोगों को कोई रास्ता नहीं सूझा तो चाभी बनाने वाले को बुलाया गया। दरवाजे की डुप्लीकेट चाभी बनवाकर गेट खोला जा सका। दरवाजा खुला तो सुशांत कमरे में पंखे पर फंदे से लटके मिले।