सुप्रीम कोर्ट ने निजी हज टूर ऑपरेटर्स की याचिका खारिज की, सरकारी दरों पर करानी होगी यात्रा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 24, 2019 01:02 PM2019-06-24T13:02:56+5:302019-06-24T13:02:56+5:30
याचिका में कहा गया था कि सरकार ने जो शर्ते लगाई हैं उसे व्यावहारिक रूप में अमल में नहीं लाया जा सकता है। साथ ही निजी टूर ऑपरेटर्स ने कहा कि सरकारी दरों पर यात्रा कराने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ हज प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया की हज कमेटी ऑफ इंडिया (एचसीओआई) के एक निर्देश के खिलाफ दायर याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। यह याचिका उस निर्देश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें कहा गया था एचसीओआई के रेट के अनुसार (सरकारी दरों) प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को इस साल मुहैया कराए गए अतिरिक्त 10,000 कोटा में यात्रियों से शुल्क लेना होगा।
याचिका में कहा गया था कि सरकार ने जो शर्ते लगाई हैं उसे व्यावहारिक रूप में अमल में नहीं लाया जा सकता है। साथ ही उनका कहना था कि सरकारी दरों पर यात्रा कराने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। इससे इससे पहले पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर केंद्र से जवाब मांगा था।
Supreme Court declines to entertain plea by Federation of Haj Private Tour Operators of India opposing a fresh condition imposed on private tour operators to charge applicable rates of Haj Committee of India (HCOI) to an additional quota of 10,000 seats allotted to them this year
— ANI (@ANI) June 24, 2019
इस मामले पर जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत के वैकेशन बेंच ने सुनवाई करते हुए इसे खारिज करने का फैसला किया। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 3 जून को एक सर्कुलर जारी कर अतिरिक्त 10,000 सीटों का कोटा प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के लिए जारी किया था। इसमें यह शर्त भी जोड़ी गई थी कि प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को निर्देश दिये गये थे कि अतिरिक्त कोटा सीट पर उन्हें एचसीओआई के रेट के हिसाब से ही शुल्क लेना होगा।