आज कर लें ये सरल उपाय, खुल जाएंगे सरकारी नौकरी के रास्ते
By गुणातीत ओझा | Published: June 28, 2020 01:32 PM2020-06-28T13:32:30+5:302020-06-28T13:32:30+5:30
सूर्य को जगत का पिता माना जाता है। अगर किसी की जन्मपत्री में सूर्य खराब हो तो उसे अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सूर्य को मान-सम्मान, नौकरी और धन का कारक माना जाता है। अगर आपकी जन्मपत्री में भी सूर्य खराब स्थिति में है तो रविवार के दिन आप कुछ ऐसे उपायों को आजमा सकते हैं।
रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित होता है। आज रविवार के दिन सूर्य भगवान की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में रविवार को विशेष महत्व दिया गया है। आज किए गए उपाय से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्त की मुराद पूरी होती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक सूर्य देवता की साधना का अक्षय फल जातक को प्राप्त होता है। सच्चे मन से की गई साधना व पूजा पाठ से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य देव अपने भक्तों को सुख समृद्धि, मान सम्मान, पद पद प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले भक्तों को तो सूर्य भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए। आइये आपको बताते हैं सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन क्या उपाय करने चाहिए...
रविवार के उपाय (Ravivar ke Upay)
1. रविवार के दिन देसी खांड, मसूर की दाल, सौंफ, छुआरे, शहद का दान करें।
2. शारीरिक कष्ट होने पर तांबे का 1 सिक्का बहते पानी में बहा देना चाहिए।
3. लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर दूध, चावल, चीनी तथा बर्फी का दान करें।
4.राजाज्ञा-न्याय का उल्लंघन करने से भी सूर्य के अशुभ फल मिलते हैं।
5. वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की पूर्व दिशा ठीक करें। घर की पूर्व दिशा में सूर्य देव का वास माना जाता है।
वहीं, अगर आपको धन, वैभव और यश की चाहत हैं तो रविवार के दिन प्रत्यक्ष देवता सूर्य की साधना करना न भूलें। इस दिन भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा पाठ और व्रत करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही सरकारी नौकरी, कारोबार में सफलता मिलने लगती हैं। सूर्य भगवान की साधना में मंत्रों का जाप करने से इच्छाएं जल्दी पूर्ण हो जाती हैं। सुख समृद्धि, अच्छी सेहत और सरकारी नौकरी पाने के लिए सूर्य ग्रह के मंत्र बहुत ही कारगर साबित होते हैं।
जानिए सूर्य मंत्र—
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।
ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।