श्रीमद्भगवद्गीता के लिए श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ही क्यों चुना, आज हमसे उस ज्ञान का क्या लेना देना है?

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 17, 2019 03:52 PM2019-10-17T15:52:32+5:302019-10-17T16:42:43+5:30

पांच हजार साल पहले जो बात श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कही, वह कल-पुर्जे वाले आधुनिक युग यानी आज के कलियुग में भी उतनी ही प्रासंगिक है।

Srimad Bhagavad Gita: Why Shri Krishna choose Arjuna as disciple & how that wisdom relevant today | श्रीमद्भगवद्गीता के लिए श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ही क्यों चुना, आज हमसे उस ज्ञान का क्या लेना देना है?

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsआज से पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान बोलकर दिया था। चूंकि उन्होंने इसे गाकर दिया था इसलिए इसे गीत यानी गीता कहा गया। पांच हजार साल पहले जो बात श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कही, वह कल-पुर्जे वाले आधुनिक युग यानी आज के कलियुग में भी उतनी ही प्रासंगिक है।

भारत मौखिक संस्कृति वाला देश है। यहां इंसानी सभ्यता की शुरुआत से लेकर किसी भी तरह का ज्ञान लिखकर कम, बोलकर ज्यादा दिया गया। आज से पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान बोलकर दिया था। चूंकि उन्होंने इसे गाकर दिया था इसलिए इसे गीत यानी गीता कहा गया। श्रीमद्भगवद्गीता मतलब.. जिस ज्ञान को स्वयं भगवान ने गाकर दिया। 

पांच हजार साल पहले जो बात श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कही, वह कल-पुर्जे वाले आधुनिक युग यानी आज के कलियुग में भी उतनी ही प्रासंगिक है। चूंकी पानी हमेशा पात्र मे भरता है, श्रीकृष्ण अर्जुन के दोस्त के साथ-साथ रिश्ते के भाई भी थे  इसलिए कृष्ण को सुनने की उनके पास दो वजहें थीं या कहिए कि ग्रहणशीलता थी.. और जो ग्रहण कर ले वहीं पात्र होता। इसलिए भगवान ने दुनिया को आत्मा और ईश्वर विषयक ज्ञान देने के लिए अर्जुन को चुना।

चूंकि भगवद्गीता का ज्ञान महाभारत युद्ध शुरु होने से ठीक पहले दिया गया। कुरुवंश की संतानें ही आमने-सामने थीं। अर्जुन को या उस वक्त किसी को भी अपने परिवार के लोगों से ही युद्ध में लड़ना था। आज भी ऐसी स्थिति कई परिवारों में बनती है जब चाचा-भतीजे या भाई-भाई या बाप-बेटे आदि के बीच झगड़े की बात सामने आती है। मतभेद की बात सामने आती है। श्रीमद्भगवद्गीता में अर्जुन द्वारा श्रीकृष्ण से पूछे गए सवाल किसी भी आम आदमी के जैसे सवाल है जो आज भी वैसे ही है और उनके जवाब इस महाग्रंथ में समाहित हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता में सात सौ श्लोक हैं जिन्हें 18 अध्याय में पिरोया गया है। युगों-युगों तक प्रासंगिक रहने वाले उस अमूल्य ज्ञान को हम रोजाना यहां एक-एक श्लोक के जरिये आप तक लाएंगे।

Web Title: Srimad Bhagavad Gita: Why Shri Krishna choose Arjuna as disciple & how that wisdom relevant today

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