आज सोमवार को इस खास जल से करें शिवलिंग का अभिषेक, जरूर मिलेगा धन लाभ

By गुणातीत ओझा | Published: September 14, 2020 06:09 AM2020-09-14T06:09:14+5:302020-09-14T09:51:55+5:30

सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित होता है। भगवान शंकर के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत जरूर करते हैं।

somvar vrat significance puja vidhi know how to do jal abhishek of lord shiva | आज सोमवार को इस खास जल से करें शिवलिंग का अभिषेक, जरूर मिलेगा धन लाभ

जानें भगवान शिव का जलाभिषेक करते वक्त किन बातों का रखना होत्या है ख्याल।

Highlightsसोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित होता है।भगवान शंकर के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत जरूर करते हैं।

सोमवार का दिन भगवान शंकर का समर्पित होता है। भगवान शंकर के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत जरूर करते हैं। माना जाता है कि सोमवार का व्रत जो भी करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। सोमवार के दिन पार्थिव शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइये आपको बताते हैं सोमवार इतना खास क्यों है और क्या है व्रत और जलाभिषेक का महत्व।

सोमवार का अंक 2 होता है जो चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा मन का संकेतक है और वह भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है। यही कारण है कि शिव इतने सरल और शांत दिखाई देते हैं। सोमवार के दिन भगवान शिव अपने भक्तों पर ज्यादा मेहरबान रहते हैं। मान्यता है कि शिव का मन से अभिषेक और पूजन करने पर चंद्रमा बलवान होकर मन को ऊर्जा से भर देता है। लड़कियों को सोमवार व्रत रखनें की सलाह दी जाती है क्योंकि माना जाता है कि इससे लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। 

शिवलिंग की पूजा विधि के ये हैं कुछ जरूरी नियम

* जिस जगह भी शिवलिंग स्थापित हो हमेशा उसके पूर्व में मुख करके बैठना चाहिए। 
* पूजा के दौरान शिवलिंग से पश्चिम की ओर भी नहीं बैठना चाहिए क्योंकि वह शिव जी की पीठ होती है। जिस कारण पूजा का कोई फल नहीं मिलता।
* उज्जैन के दक्षिणामुखी महाकाल और अन्य दक्षिणामुखी शिवलिंग पूजा का बहुत महत्व होता है। 
* शिवलिंग की पूजा के समय रूद्राक्ष की माला अवश्य पहनना चाहिए साथ ही बिना कटे-फटे बेलपश्र ही अर्पित करना चाहिए। 
* शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए आधी परिक्रमा ही मानी जाती है शुभ। 

किस अभिषेक से मिलता है कैसा फल

* ज्यादातर लोग शिव की दूध से अभिषेक करते हैं। इससे परिवार में कलह, मानसिक अवसाद और अनचाहे दुःख व कष्टों आदि का निवारण होता है।
* वंश वृद्धि के लिए घी की धारा डालते हुए शिव सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
* इत्र की धारा डालते हुए शिव का अभिषेक करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
* जलधारा डालते हुए शिव जी का अभिषेक करने से मानसिक शांति मिलती है।
* शहद की धारा डालते हुए अभिषेक करने से रोग मुक्ति मिलती है। परिवार में बीमारियों का अधिक प्रकोप नहीं रहता है।
* गन्ने के रस की धारा डालते हुए अभिषेक करने से आर्थिक समृद्धि व परिवार में सुखद माहौल बना रहता है।
* गंगा की धारा बहुत प्रिय है। गंगा जल से अभिषेक करने पर चारो पुरूषार्थ की प्राप्ति होती है। अभिषेक करते समय महामृत्युंजय का जाप करने से फल की प्राप्ति कई गुना अधिक हो जाती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
* सरसों के तेल की धारा डालते हुए अभिषेक करने से शत्रुओं का शमन होता, रूके हुए काम बनने लगते है व मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

Web Title: somvar vrat significance puja vidhi know how to do jal abhishek of lord shiva

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