Surya Grahan 2020: ग्रहण के दौरान ऐसा होगा नजारा, परछाईं भी छोड़ देगी आपका साथ, देखें वीडियो
By गुणातीत ओझा | Published: June 12, 2020 08:31 PM2020-06-12T20:31:45+5:302020-06-20T12:03:17+5:30
21 जून रविवार को पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते इसे वलयाकार ग्रहण भी कहा जा रहा है। वलयाकार सूर्य ग्रहण में जब ग्रहण चरम पर होता है तो सूर्य किसी चमकते हुए कंगन, रिंग या अंगूठी की तरह लगने लगता है। ठीक ऐसा ही ग्रहण 25 साल पहले यानी वर्ष 1995 में लगा था।
Solar Eclipse 2020 : 21 जून रविवार को पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते इसे वलयाकार ग्रहण भी कहा जा रहा है। वलयाकार सूर्य ग्रहण में जब ग्रहण चरम पर होता है तो सूर्य किसी चमकते हुए कंगन, रिंग या अंगूठी की तरह लगने लगता है। ठीक ऐसा ही ग्रहण 25 साल पहले यानी वर्ष 1995 में लगा था। 24 अक्टूबर 1995 का दिन आज भी देश के लोगों को अच्छी तरह से याद है जब भरे दिन में अंधेरा हो गया था। यूं लगा मानो रात हो गई है। अब 21 जून, 2020 को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण भी कंकणाकृति होगा जो पुराने ग्रहण की याद दिला देगा। इस सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों में जिज्ञासा अभी से देखने को मिल रही है। आइये आपको उस समय के कुछ वीडियो दिखाते हैं जब दिन के उजाले में अंधेरा छा गया था।
2020 में कुल इतने ग्रहणों का योग
- पहला: 10-11 जनवरी, चंद्र ग्रहण
- दूसरा: 5 जून को चंद्र ग्रहण था
- तीसरा: 21 जून को होगा, यह सूर्य ग्रहण होगा
- चौथा: 5 जुलाई को होगा, चंद्र ग्रहण होगा
- पांचवा: 30 नवंबर को होगा। यह इस वर्ष का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा
- छठा: 14 दिसंबर को होगा, यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा
भारत के अलावा इन देशों में भी रहेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के अलावा साउथ अफ्रीका, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो, इथोपिया, पाकिस्तान और चीन में भी दिखाई देगा। बताते चलें कि ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए, इससे आंख पर बुरा असर पड़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्र ग्रहण को आप नग्न आंखों से तो देख सकते हैं लेकिन सूर्य ग्रहण को नहीं। क्योंकि सूर्य ग्रहण से आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर वाले चश्मों का प्रयोग करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण में सावधानियां
सूर्य ग्रहण के दौरान लगने वाला सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व ही प्रभावी हो जाता है, जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म होता है। इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल में पूजा स्थल के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं ताकि ग्रहण का बुरा असर भगवान पर न पड़े। इस सूर्य ग्रहण के बाद स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा।