Sun Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण का भूकंप-महामारी से क्या है कनेक्शन? जानें किन राशियों पर मंडरा रहा संकट

By गुणातीत ओझा | Published: June 16, 2020 06:56 PM2020-06-16T18:56:52+5:302020-06-20T12:01:18+5:30

21 जून को आने वाला सूर्य ग्रहण आपके जीवन में और देश-दुनिया में कई तरह के बदलाव लेकर आने वाले हैं। इस समय पूरी दुनिया में महामारी फैली हुई है। इसके अलावा इन ग्रहों की वजह से देश के कई हिस्सो में भूकंप आने की भी संभावना बनी रहेगी। आइये आपको बताते हैं कि आपकी राशि पर इस ग्रहण का क्या असर पड़ेगा।

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सूर्य ग्रहण और कोरोना महामारी व भूकंप के बीच क्या है कनेक्शन?

Highlightsभारत में 21 जून को सूर्यग्रहण दिखेगा और देश के कुछ हिस्सों में यह वलयाकार नजर आएगा।वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं।

Surya Grahan 2020: भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण दिखेगा और देश के कुछ हिस्सों में यह वलयाकार नजर आएगा। खगोल प्रेमियों को इस दौरान ‘अग्नि-वलय’ देखने का अवसर मिलेगा। हालांकि, देश के अधिकतर हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक होगा। एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवी प्रसाद दुरई ने बताया कि राजस्थान के घड़साना के पास सुबह लगभग 10 बजकर 12 मिनट पर सूर्यग्रहण की वलयाकार गति शुरू होगी और पूर्वाह्न लगभग 11 बजकर 49 मिनट पर वलयाकार चरण शुरू होगा तथा पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर यह चरण समाप्त होगा। राजस्थान के सूरतगढ़ और अनूपगढ़, हरियाणा के सिरसा, रतिया, और कुरुक्षेत्र तथा उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, चमोली और जोशीमठ जैसे क्षेत्रों से ‘अग्नि-वलय’ एक मिनट तक दिखेगा।

दुरई ने एक बयान में कहा कि हालांकि इस बार का ‘अग्नि-वलय’ उस तरह का नहीं होगा जैसा यह पिछले साल 26 दिसंबर को दिखा था। इस बार यह थोड़ा हल्का होगा। बयान में कहा गया है कि वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। लेकिन देश के अधिकतर हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा। कोलकाता में आंशिक सूर्यग्रहण की शुरुआत 10:46 बजे होगी और इसका समापन अपराह्न 2:17 बजे होगा। हालांकि दिल्ली में यह पूर्वाह्न 10:20 बजे से अपराह्न 1:48 बजे तक, मुंबई में सुबह 10 बजे से अपराह्न 1:27 बजे तक, चेन्नई में पूर्वाह्न 10:22 बजे से अपराह्न 1:41 बजे तक और बेंगलुरु में पूर्वाह्न 10:13 बजे से अपराह्न 1:31 बजे तक दिखेगा। आगामी 21 जून को वलयाकार सूर्यग्रहण सबसे पहले अफ्रीका के कांगो से शुरू होगा और फिर भारत के राजस्थान में करने प्रवेश से पहले यह दक्षिणी सूडान, इथियोपिया, यमन, ओमान, सहदी अरब, हिंद महासागर और पाकिस्तान से होकर गुजरेगा। इसके बाद यह तिब्बत, चीन, ताइवान की ओर बढ़ेगा और फिर प्रशांत महासागर के मध्य में समाप्त हो जाएगा। 

जानें किस राशि पर सूर्य ग्रहण का क्या असर पड़ेगा 

मेष- इस राशि के लोगों को अपने गुस्से में आकर कोई ऐसी बात ना कहें जो भविष्य में आपके लिए खतरा बन जाए। खुद के साथ घर वालों के सेहत पर भी विशेष ध्यान दें। आपको पैरों से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है। कोई संबंध हमेशा के लिए खराब ना हो इस चीज का ध्यान रखना है। भाग्य आपके साथ है और आपको सही कर्मों का फल मिलेगा। ग्रहण के बाद एक लोटा जल सूर्यदेव को चढाएं और गुड़ का दान करें।

वृषभ- इस ग्रहण के दौरान आपके आर्थिक भाव में परेशानियां हो सकती हैं। खराब खाना खाने से बचें वरना फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है। खान-पान के अलावा वाणी पर भी ध्यान दें वरना आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं। संतान पक्ष और संबंधों का ध्यान रखें। प्रॉपर्टी में फायदा हो सकता है. ये ग्रहण आपके लिए मध्यम फल देने वाला होगा। ग्रहण काल में अपनी राशि के स्वामी शुक्र को मजबूत करने की कोशिश करें। ग्रहण के बाद सफेद चीजों का दान करें।

मिथुन- आपकी राशि में पड़ने वाला ये ग्रहण आपको थोड़ा बेचैन कर सकता है। कार्यक्षेत्र में हड़बड़ी में आकर किसी निर्णय पर ना पहुंचें। घर से जुड़ी आपकी समस्याएं बढ़ सकती हैं। निर्णायक के तौर पर आगे बढ़ेंगे लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपकी बातों को गलन ना समझा जाए। आप तनाव में आ सकते हैं और एक भ्रम की स्थिति बन सकती है। इससे आपको बचकर चलना जरूरी है। मेहनत का फल आसानी से नहीं मिलेगा और आपको अपनी कोशिश बढ़ानी पड़ेगी। बुध के मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद गणपति को पांच लड्डू चढ़ा दें।

कर्क- ग्रहणकाल के दौरान आप अपने आपको पीड़ित महसूस करेंगे।  खुद को किसी परिस्थिती में फंसा हुआ महसूस करेंगे और आपको ऐसा लगेगा कि आप इससे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। तनाव बढ़ेगा और आपको लगेगा कि अब आपकी सहनशीलता खत्म हो रही है। आर्थिक नुकसान भी हो सकता है लेकिन आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें। सेहत पर विशेष ध्यान दें। ग्रहणकाल में ऊं नम: शिवाय का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद किसी निर्धन को दूध का दान करें।

सिंह- ये ग्रहण आपके एकादश भाव में पड़ रहा है और आपकी राशि का स्वामी भी इससे प्रभावित है। आपको धन लाभ होगा लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। आप अपनी वाक कला और लेखन के माध्यम से अच्छा धन कमा सकते हैं। संतान पक्ष का ध्यान रखें और अपनी सेहत पर भी ध्यान दें। छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखें। ग्रहणकाल के दौरान सूर्य के मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद एक लोटा जल सूर्य भगवान को चढ़ाएं और सिंदूर का दान करें।

कन्या- कार्यक्षेत्र में सावधान रहने की जरूरत है और कोई निर्णय ना लें। ऑफिस के काम में कोई परेशानी आ सकती है। अचानक नौकरी छोड़ने का भी ख्याल आएगा और एक असमंजस की स्थिति बनेगी। पिता की सेहत पर ध्यान दें। क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। वाणी द्वारा धनलाभ के योग बन रहे हैं। आपकी समय सही चलेगा। ग्रहणकाल के दौरान बुध के मंत्रों का जाप करें और ग्रहण के बाद गौशाला में चारे का दान करें।

तुला- ये ग्रहण आपके भाग्य स्थान पर पड़ रहा है। इस दौरान आपको किसी सड़क दुर्घटना से बच कर रहना होगा। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी बात को किसी भी तरह गलत ना समझा जाए। अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें। कार्यक्षेत्र में किसी तरह की परेशानी आ सकती है। फिलहाल कोई भी निर्णय लेने से बचें। ग्रहणकाल के दौरान शुक्र के मंत्रों का जाप करें और ग्रहण के बाद सफेद चीजों का दान करें।

वृश्चिक- पैतृक संपत्ति और निवेश का लाभ होगा। जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से बचें। आपका झुकाव आध्यात्म की तरफ झुकेगा। ग्रहणकाल के दौरान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें और ग्रहण के बाद दूध का दान करें।

धनु- पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर झड़प हो सकती है और आप दोनों के बीच कोई गलतफहमी आ सकती है। धन संबंधी कोई निर्णय ना लें। नौकरी को लेकर बहुत उतावलापन ना दिखाएं। जीवनसाथी के साथ मनमुटाव हो सकता है। अपने काम पर अच्छे से ध्यान दें। आपकी राशि में बैठा केतु आपको नए सिरे से सोचने पर मजबूर करेगा। ग्रहणकाल के दौरान विष्णु का पाठ करें या मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद हल्दी का पैकेट किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।

मकर- ये ग्रहण आपके छठे भाव यानी रोग भाव में पड़ेगा। इस समय आपको त्वचा की किसी बीमारी या वायरल इंफेक्शन से बचकर रहना है। कम्युनिकेशन में दिक्कत आ सकती है। ये भी हो सकता है कि कई मामलों में आपको गलत समझा जाए। बेवजह के लड़ाई-झगड़े से बचकर रहें। ग्रहणकाल के दौरान हनुमान, कृष्ण या शनि के मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद किसी पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का तेल चढाएं।

कुंभ- संतान से जुड़ी कोई चिंता परेशान कर सकती है। संबंधों से जुड़ी कोई चिंता हो सकती है। परिवार के सदस्यों के सेहत पर विशेष ध्यान दें। बच्चों की शिक्षा से जुड़ी चिंता भी आपको परेशान कर सकती है। घर में रहने का मन नहीं करेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें वरना आपके संबंधों में दरार आ सकती है। ड्राइविंग करते समय सावधान रहने की जरूरत है। पैरों से जुड़ी समस्या हो सकती है। शत्रु पक्ष प्रभावशाली हो सकता है। हनुमान और शनि के मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद पीपल के पेड़ के नीचे जल चढ़ाएं।

मीन- मां और जीवनसाथी के साथ किसी बात पर झड़प हो सकती है। अपने गुस्से पर काबू करने की कोशिश करें। आप में नेतृत्व शक्ति है जिसकी वजह से आप मुद्दों को आसानी से सुलझा लेंगे। ऑफिस में कोई नया पद मिल सकता है। संतान पक्ष को हानि हो सकती है। ग्रहणकाल के दौरान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद किसी मंदिर में चने की दाल का दान करें।

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