आज 'सर्वपितृ अमावस्या/पितृ विसर्जन', जानें क्यों इसी दिन करना चाहिए पितरों का श्राद्ध

By गुलनीत कौर | Published: October 7, 2018 08:45 AM2018-10-07T08:45:24+5:302018-10-08T09:51:44+5:30

Shradh Amavasya/ Sarvapitri Amavasya/ Pitra Visarjan 2018: सर्वपितृ अमावस्या के अलावा अश्विन मास की अमावस्या की रात 'महालय' भी मनाया जाता है।

Shradh amavasya or sarvapitri amavasya 2018: Day, date, time, significance, importance of doing shradh on sarvapitri amavasya | आज 'सर्वपितृ अमावस्या/पितृ विसर्जन', जानें क्यों इसी दिन करना चाहिए पितरों का श्राद्ध

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हिन्दू धर्म में अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के दौरान 'पितृ पक्ष' आता है। 15 से 16 दिनों तक चलने वाले इस काल में पितरों की शांति और परिवार का सुख पाने के लिए धार्मिक कर्मकांड किए जाते हैं। इस साल 24 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ हुए और आज यानी 8 अक्टूबर को 'सर्वपितृ अमावस्या' के साथ इसका समापन हो रहा है। आज ही के दिन 'महालय' पर्व भी है जिसे बंगालियों में महत्वपूर्ण माना जाता है। 

सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध क्यों?

16 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों की शांति के लिए श्राद्ध करते हैं। इस पूरे काल में तिथि अनुसार श्राद्ध किया जाता है। लेकिन सभी तिथियों में से सबसे महत्वपूर्ण श्राद्ध की अमावस्या यानी सर्वपितृ अमावस्या होती है। इसीदिन श्राद्ध करने पर जोर दिया जाता है, लेकिन ऐसा क्यों यह भी जानते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या पर ही पितरों का श्राद्ध करने के पीछे शास्त्रों में दो कारण दर्ज हैं। पहले कारण के अनुसार यदि किसी को अपने पितरों के श्राद्ध करने की तिथि मालूम ना हो, वह इस दुविधा में हो कि किस तिथि को उसके किस मृत परिजन का श्राद्ध किया जाना चाहिए, तो वह सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। अमावस्या होने के कारण यह दिन महत्वपूर्ण होती है और इस दिन किया गया श्राद्ध अधिक फलित भी माना गया है। 

दूसरी वजह के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन यदि पितरों का श्राद्ध किया जाए, पूजा के दौरान पितरों के नाम की धूप जलाई जाए, दान किया जाए तो इससे तन, मन और घर में शांति आती है। रोग और शोक से भी परिवार वालों को मुक्ति मिलती है।

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महालय का महत्व

सर्वपितृ अमावस्या के अलावा अश्विन मास की अमावस्या की रात ही 'महालय' भी मनाया जाता है। इसे बगाली समुदाय के लोग अधिक मनाते हैं। इसमें लोग तैयार होकर अमावस्या की काली अंधेरी रात में मंदिर जाते हैं और मां दुर्ग्सा के आगमन की तैयारियां करते हैं। 

English summary :
Shradh Amavasya 2018, Sarvapitri Amavasya 2018, Pitra Visarjan 2018: There are two reasons in the scriptures to do shradh of our ancestor on this day. According to the first reason, if someone does not know the date of the commencement of their ancestors, then on this day one should can perform the rituals of Shraddha. Second reason, if the shardh and worship of ancestor does, it brings peace to the mind, the mind and the house. Due to disease and mourning, family members get salvation.


Web Title: Shradh amavasya or sarvapitri amavasya 2018: Day, date, time, significance, importance of doing shradh on sarvapitri amavasya

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