शिवजी का चमत्कारिक मंदिर जहां गर्मियों में 50 डिग्री सेल्सियस में भी कंबल-रजाई ओढ़कर पूजा करते हैं भक्त

By उस्मान | Published: March 4, 2019 10:48 AM2019-03-04T10:48:08+5:302019-03-04T10:48:08+5:30

Maha Shivratri 2019: केदारनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, और मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर यह तीन ऐसे मंदिर हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन इनके अलावा भी नीलकंठ महादेव के कुछ ऐसे चमत्कारिक मंदिर हैं, जिनके बारे में भक्तों को ज्यादा जानकारी नहीं है।

shivratri 2019 special: Titlagarh odisha mysterious lord shiva temple history, significance, location, fact in hindi | शिवजी का चमत्कारिक मंदिर जहां गर्मियों में 50 डिग्री सेल्सियस में भी कंबल-रजाई ओढ़कर पूजा करते हैं भक्त

फोटो- पिक्साबे

आज देशभर में भगवान शिवजी का महापर्व महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है। आज भोलेनाथ के भक्त व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करने के लिए शिव मंदिरों में जाकर जल, दूध बेलपत्र आदि चढ़ाते हैं। देशभर में शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों के अलावा लाखों मंदिर हैं। केदारनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, और मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर यह तीन ऐसे मंदिर हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन इनके अलावा भी नीलकंठ महादेव के कुछ ऐसे चमत्कारिक मंदिर हैं, जिनके बारे में भक्तों को ज्यादा जानकारी नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं। 

ओडिशा के टिटलागढ़ के कुम्हड़ा पहाड़ी पर एक रहस्यमयी शिव मंदिर है, जहां भले ही बाहर का तापमान 50 डिग्री से ऊपर हो, अंदर का तापमान 10 डिग्री से नीचे रहता है। यहां तक कि जब देशभर में चिलचिलाती गर्मी पड़ रही होती है उन दिनों भी यह मंदिर इतना ठंडा रहता है। यानी यह मंदिर इतना ठंडा रहता है कि आपको खुद को कंबल से ढंकना ही होगा। ऐसा माना जाता है कि यह भारत का सबसे शांत मंदिर है। 

टिटलागढ़ ओडिशा के सबसे सबसे गर्म स्थान में से एक है। यह एक ऐसा जगह है, जहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला जाता है। लेकिन यहां आने के बाद आप मंदिर के अंदर एयर कंडीशनर रूम की तरह ठंड महसूस कर सकते हैं। बेशक बाहर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस ही क्यों न हो लेकिन अंदर ठंड ही रहती है।

पुजारियों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि मंदिर अंदर से इसलिए ठंडा रहता है क्योंकि भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों से ही ठंडा हवा आती है। जब मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, तो इन हवाओं से अंदर बहुत ठंडक हो जाती है। 

कंबल ओढ़कर बैठते हैं पुजारी
ऐसा कहा जाता है कि माना जाता है कि 3000 साल पुराने इस मंदिर में कई बार इतनी ठंड बढ़ जाती है कि पुजारियों को कंबल ओढ़ना पड़ता है। वहीं, मंदिर के बाहर इतनी गर्मी होती है कि आप पांच मिनट से ज्यादा खड़े नहीं हो सकते हैं। 

कैसे बना यह मंदिर
बताया जाता है कि इस सालों पुराने मंदिर के बनने से पहले यहां चट्टान के ऊपर पहले एक छोटी-सी जगह में शिव-पार्वती की प्रतिमाएं थीं। तब लोगों को लेटकर भीतर जाना पड़ता था। बाद में चट्टान के नीचे के हिस्से को काटकर गुफानुमा मंदिर बनाया गया।  

Web Title: shivratri 2019 special: Titlagarh odisha mysterious lord shiva temple history, significance, location, fact in hindi

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे