साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर विवाद! शिरडी बंद का ऐलान, जानें क्या है पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 17, 2020 04:00 PM2020-01-17T16:00:01+5:302020-01-17T16:00:01+5:30

साईं बाबा के जन्म स्थान पर विवाद: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने एक भाषण में पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान बताते हुए इस जगह के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान किया है। इस पर विवाद शुरू हो गया है।

Shirdi to get close amid Sai baba birthplace controversy on Uddhav Thackeray speech | साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर विवाद! शिरडी बंद का ऐलान, जानें क्या है पूरा मामला

साईं बाबा के जन्म स्थान पर विवाद गहराया

Highlightsउद्धव ठाकरे के साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी बताने पर विवादमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान किया है

साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर शुरू हुआ विवाद और गहरा गया है। इस कारण अगले कुछ दिन शिरडी जा रहे भक्तों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बढ़ते विवाद के बीच रविवार से शिरडी में स्थानीय लोगों ने सभी होटलों, दुकानों, गाड़ियों आदि को बंद करने का फैसला किया है। इससे यहां जाने वाले भक्तों की दिक्कत बढ़ सकती है। इस दौरान साईं बाबा का मंदिर जरूर खुला रहेगा। उनके दर्शन किये जा सकेंगे।

साईं बाब के जन्म से जुड़ा क्या है विवाद?

दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने एक भाषण में पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान बताते हुए इस जगह के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान किया है। शिरडी से पाथरी करीब 270 किलोमीटर दूर है और मराठवाड़ा में स्थित है। इसी बात को लेकर विवाद शुरू है।

शिरडी गांव के निवासी और शिरडी साईं ट्रस्ट के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के इस बयान का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताना ठीक नहीं है। विरोध करने वालों के अनुसार साईं का जन्म कहा हुआ था, इसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है और न ही साईं ने कभी खुद इस बारे में बताया। वहीं, साईं बाबा के जीवन पर लिखे गए ग्रंथ साई चरितमानस में साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी बताया गया है।

इस विवाद में पाथरी के लोगों का कहना है कि अगर उनके यहां विकास हुआ तो शिरडी को आर्थिक नुकसान होगा। ऐसा इसलिए कि दूसरा तीर्थक्षेत्र साई बाबा के नाम से विकसित हो जाएगा। पूरा विवाद इसी को लेकर है।

शिरडी और साईं बाबा का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि साईं बाबा पहली बार 1854 में शिरडी में दिखाई दिए थे। उस समय उनकी उम्र 16 साल थी। वे एक पेड़ के नीचे बैठे देखे गये। इस बाल योगी को देखकर लोग इनकी ओर आकर्षित हुए। हालांकि, कुछ समय बाद साईं फिर यहां से गायब हो गये। कथा के अनुसार काफी दिन बाद चांद पाटिल नाम के व्यक्ति की बारात में वह शिरडी पहुंचे। 1918 में दशहरे के दिन बाबा ने शिरडी में समाधि ले ली।

Web Title: Shirdi to get close amid Sai baba birthplace controversy on Uddhav Thackeray speech

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