Shattila Ekadashi 2022 Date: कब है षटतिला एकादशी, क्‍या है महत्‍व, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विध‍ि

By रुस्तम राणा | Published: January 24, 2022 03:20 PM2022-01-24T15:20:15+5:302022-01-24T15:26:17+5:30

मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने वाले को धनधान्य, तेज, सौन्दर्य प्राप्त होता है। इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी, शुक्रवार को है।

Shattila Ekadashi 2022 Date muhurat timing and puja vidhi and significance | Shattila Ekadashi 2022 Date: कब है षटतिला एकादशी, क्‍या है महत्‍व, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विध‍ि

Shattila Ekadashi 2022 Date: कब है षटतिला एकादशी, क्‍या है महत्‍व, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विध‍ि

Shattila Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस एकादाशी को सब पापों का हरण करने वाली माना जाता है। इस दिन भगवान विष्‍णु की तिल चढ़ाते हैं और तिल से बनी ख‍िचड़ी का प्रसाद चढ़ाया जाता है। षटतिला एकादशी व्रत में तिल का उपयोग करना उत्तम फलदाई माना जाता है। इस दिन तिल का दान, स्‍वर्ण दान के बराबर होता है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने वाले को धनधान्य, तेज, सौन्दर्य प्राप्त होता है। इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी, शुक्रवार को है। आइए जानते हैं एकादशी व्रत का पूजा मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व।

षटतिला एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त

एकादशी प्रारंभ - 27 जनवरी गुरुवार को मध्य रात्रि 02:16 बजे से
एकादशी समाप्त - 28 जनवरी शुक्रवार को मध्य रात्रि 11:35 बजे तक
पूजा मुहर्त - 28 जनवरी को सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक
पारण का समय : 29 जनवरी शनिवार को सुबह 8 बजे से 9 बजकर 24 मिनट तक

षटतिला एकादशी व्रत-पूजा विधि

एकादशी की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
भगवान विष्णु का ध्यान करें व्रत का संकल्प लें।
पूजा में गंगा जल, तुलसी, चने दाल, गुड़, तिल, फूल आदि सभी सात्विक चीजों का उपयोग करें। 
ये सभी चीजें भगवान नारायण को अर्पित करें। 
संध्या काल में दीपदान और दान-दक्षिणा भी करें।
अगले दिन सुबह पारण मुहूर्त में व्रत खोलें।

षटतिला एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। एकादशी व्रत रखने से घर में सुख-शांति आती है। जातक के सारे दुख समाप्त होते हैं। कहा जा रहा है कि एकादशी का व्रत करने से हजारों सालों की तपस्या जितना पुण्य प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, षटतिला एकादशी व्रत करने वाले जातकों को कन्‍यादान और हजारों वर्षों की तपस्‍या करने के बराबर पुण्‍य प्राप्‍त होता है। इस दिन दिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्‍णु की विशेष कृपा प्राप्‍त होती है।
 

Web Title: Shattila Ekadashi 2022 Date muhurat timing and puja vidhi and significance

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